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पीएम मोदी से मेरे अच्छे व्यक्तिगत संबंध... सुनील जाखड़ के बयान से अटकलें तेज

सुनील जाखड़ ने कहा है सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलने का वक्त अब चला गया है। नोटिस भेजकर उनके जमीर को ललकारा गया है। जाखड़ ने कहा है कि उनके पीएम मोदी से अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं।

पीएम मोदी से मेरे अच्छे व्यक्तिगत संबंध... सुनील जाखड़ के बयान से अटकलें तेज
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीThu, 28 Apr 2022 08:36 PM

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पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों के बाद कांग्रेस पार्टी पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेता को पार्टी के पदों से हटा दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी मेघालय के पांच सासंदों को राज्य की नेशनल पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करने के लिए निलंबित कर चुकी है। अब खबरें हैं कि जाखड़ बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।

सुनील जाखड़ ने कहा है सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलने का वक्त अब चला गया है। नोटिस भेजकर उनके जमीर को ललकारा गया है। जाखड़ ने कहा है कि उनके पीएम मोदी से अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं। जाखड़ के बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है।

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बीजेपी में शामिल होने पर थोड़ा धैर्य रखने की बात कही है। जाखड़ ने यहां तक ​​कह दिया कि अब समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलने का हो गया है। नोटिस भेजकर उनके जमीर को ठेस पहुंची है। सुनील जाखड़ ने कहा कि मैंने अपने राजनीतिक जीवन और निजी संबंधों को अलग रखा है। मेरे पीएम नरेंद्र मोदी सहित अन्य राजनीतिक विरोधियों के साथ अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं। जाखड़ ने कहा कि मैंने हमेशा सिद्धांतों के लिए लड़ाई लड़ी है और आगे भी करता रहूंगा।

जाखड़ ने कहा कि मैंने धमकी देने वालों के खिलाफ कांग्रेस आलाकमान को चेतावनी देते हुए पत्र लिखा था, यह अनुशासनहीनता नहीं है। ऊंचे पदों पर बैठे छोटे दिमाग के नेता कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा को तोड़ रहे थे, जिसके बारे में कांग्रेस सतर्क हो गई थी।
 
गौरतलब है कि सुनील जाखड़ पर पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा था। इसकी शिकायत पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने की थी। दूसरी ओर, जाखड़ इस बात से नाराज हैं कि कांग्रेस आलाकमान को उनसे पहले बात करनी चाहिए थी। इसके बजाय, उन्हें एक सीधा नोटिस जारी किया गया था। इसके अलावा जाखड़ पहले ही कांग्रेस से अलग हो चुके हैं। नवजोत सिंह सिद्धू के पीपीसीसी प्रमुख के रूप में घोषित होने के बाद उन्होंने चुनाव भी नहीं लड़ा था।

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