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दुश्मनों की आई शामत! वायु सेना के 'सुदर्शन चक्र' ने किया कमाल, अभ्यास में शानदार नतीजे

एक्सरसाइज के दौरान लड़ाकू विमान एस-400 वेपन सिस्टम की क्षमताओं का टेस्ट करने के लिए उड़ान भर रहे थे। इसे भगवान कृष्ण के शक्तिशाली सुदर्शन चक्र की तर्ज पर भारतीय वायु सेना का सुदर्शन कहते हैं।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 27 July 2024 09:48 AM
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सुदर्शन एस-400 वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम ने अभ्यास के दौरान बड़ी सफलता हासिल की है। इसने 'दुश्मन' लड़ाकू विमान पैकेज के 80 प्रतिशत हिस्से को मार गिराया। बाकी पीछे हटने के लिए मजबूर हो गए, जिससे उनका मिशन फेल हो गया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह एक्सरसाइज भारतीय वायु सेना के थिएटर में की गई, जहां लंबी दूरी के एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के स्क्वाड्रन को तैनात किया गया था। इस अभ्यास का मकसद भारतीय वायु सेना की ओर से फोर्स में वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के एकीकरण को प्रदर्शित करना रहा।

एक्सरसाइज के दौरान लड़ाकू विमान एस-400 वेपन सिस्टम की क्षमताओं का टेस्ट करने के लिए उड़ान भर रहे थे। इसे भगवान कृष्ण के शक्तिशाली सुदर्शन चक्र की तर्ज पर भारतीय वायु सेना का सुदर्शन कहा जाता है। सुदर्शन ने इस नकली कार्रवाई के दौरान 'लॉक ऑन और टारगेटिंग' पर फोकस किया। इसने 'दुश्मन' के आक्रामक पैकेज के 80 प्रतिशत को शूट कर दिया। बाकी बचे हुए विमानों को अपना मिशन रद्द करना पड़ा। इस तरह, भारतीय क्षेत्र में 'हमले' के प्रयास को विफल कर दिया गया और वायु रक्षा प्रणाली ने बेहतरीन काम किया। वायु सेना ने अब इस प्रणाली को पूरी तरह से एकीकृत कर लिया है। इसके 3 स्क्वाड्रन पहले ही शामिल किए जा चुके हैं और 2026 में बाकी 2 की सप्लाई होने वाली है। 

5 स्क्वाड्रन के लिए 35,000 करोड़ रुपये की डील 
भारत की ओर से अपील की गई है कि रूस सिस्टम की डिलीवरी में तेजी लाए। इसे लेकर भारत और रूस ने एस-400 के 5 स्क्वाड्रन के लिए 35,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए है। इस तरह सेना की ताकत लगातार मजबूत होती जा रही है। इस बीच, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि देश में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द ही उन लोगों के सिर कुचल दिए जाएंगे जो भारत के धैर्य और क्षमताओं की परीक्षा लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'जम्मू क्षेत्र में चाहे वह जम्मू-कश्मीर पुलिस हो, सेना के हमारे बहादुर सैनिक हों या हमारे सीएपीएफ जवान हों... एक रणनीति तैयार की गई है। यह समय की बात है, जो लोग यहां समस्याएं उत्पन्न कर रहे हैं उनका भी वही हश्र होगा जो दूसरों का हुआ।'

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