सुभासिनी मिस्त्री को मिला पद्मश्री अवॉर्ड, 20 साल तक गरीबों के लिए ये काम
पश्चिम बंगाल की सुभासिनी मिस्री को इस बार पदमश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। सुभासिनी एक समाज सेविका हैं और इनकी उम्र 75 साल है। सुभासिनी एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। गरीबों के लिए अस्पताल...
पश्चिम बंगाल की सुभासिनी मिस्री को इस बार पदमश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। सुभासिनी एक समाज सेविका हैं और इनकी उम्र 75 साल है। सुभासिनी एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। गरीबों के लिए अस्पताल बनाने के लिए सुभासिनी ने करीब 20 साल दूसरों के घरों में भी काम किया। और पश्चिम बंगाल के हंसपुखुर में एक अस्पताल बनाया।
अस्पताल में करीब 45 बेड्स हैं और आईसीयू में 10 बेड की सुविधा है। हर साल हजारों गरीबों का यहां फ्री में इलाज किया जाता है। सुभासिनी एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थीं इसलिए इनकी शादी 12 साल की उम्र में ही कर दी गई थी। एक दिन सुभासिनी के पति बीमार पड़ गए और सही तरह से इलाज ना मिल पाने के कारण उनका देहांत हो गया। 23 साल की उम्र में सुभासिनी विधवा हो गईं। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी।
पति के देहांत के बाद उन्हें गरीबों के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली। इसके बाद सुभासिनी ने अपने बेटे को अनाथालय भेज दिया बाद जो की एक डॉक्टर बने और अब वो इसी अस्पताल में गरीबों का इलाज करते हैं। बुरे दौर में सुभासिनी ने अपना घर चलाने के लिए सब्जी तक बेची थी।