वुहान से भारत लाए गए छात्रों बोले- शुरुआत में कोरोना वायरस को गंभीरता से नहीं लिया था
चीन के कोरोना वायरस से प्रभावित वुहान प्रांत से लौटकर भारत आए गुजरात के दो छात्रों ने कहा कि उन लोगों ने शुरुआत में इस महामारी को गंभीरता से नहीं लिया था। श्रेया जयमन (18) और वृंद पटेल (19) दोनों...
चीन के कोरोना वायरस से प्रभावित वुहान प्रांत से लौटकर भारत आए गुजरात के दो छात्रों ने कहा कि उन लोगों ने शुरुआत में इस महामारी को गंभीरता से नहीं लिया था। श्रेया जयमन (18) और वृंद पटेल (19) दोनों सहपाठी हैं और उन सैकड़ों भारतीयों में शामिल हैं, जिन्हें पिछले महीने वुहान से हवाई जहाज से भारत लाया गया था।
चीन से वापस आने पर उन्हें दिल्ली में आईटीबीपी के शिविर में 17 दिनों तक रखा गया, जहां से वे अब वडोदरा स्थित अपने घर आ गए हैं। वे वहां चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे थे। जयमन और पटेल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि शुरुआत में उन्होंने इस बीमारी की खबर को हल्के में लिया। दोनों ने कहा कि उन्हें स्थिति की गंभीरता का अंदाज जनवरी के मध्य में हुआ। कोरोना वायरस का पहला मामला दिसंबर के अंत में सामने आया था।
इधर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को घातक कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में जबरदस्त प्रगति होने की घोषणा की। काहिरा में एक संवाददाता सम्मेलन में डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय आपातकालीन निदेशक रिचर्ड ब्रेनन ने कहा कि हमने बहुत कम समय काफी प्रगति की है। सहयोग बहुत उत्साहजनक है, लेकिन हमें अभी भी लक्ष्य प्राप्ति नहीं हुई है।
चीन में घातक कोरोना वायरस से 136 और लोगों की मौत हो जाने से संक्रमण से मरने वालों की संख्या बुधवार को 2,000 के पार हो गई। चीन में वायरस से 74,185 लोग प्रभावित हो चुके हैं। सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को झूठलाते हुए ब्रेनन ने जोर दिया कि इसका कोई सबूत नहीं है (वायरस) किसी प्रयोगशाला में या जैविक हथियार के रूप में उत्पन्न हुआ था।
संक्रमण से लड़ने के लिए चीन के प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा कि बीजिंग ने इसे रोकने के लिए पूरी क्षमता से प्रयास किया है और उसे देखते हुए इसकी गंभीरता को छिपाने वाली रिपोर्ट अनुचित है।
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