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PUBG खेलने में मगन छात्र ने पानी के धोखे पीया केमिकल, मौत

मोबाइल गेम पबजी की लत ने मंगलवार को एक युवक की जान ले ली। ग्वालियर निवासी युवक अपने दोस्त के साथ स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस से आगरा आ रहा था। कान में ईयरफोन लगाकर गेम खेल रहा युवक उसमें इतना मगन हो गया...

PUBG खेलने में मगन छात्र ने पानी के धोखे पीया केमिकल, मौत
वरिष्ठ संवाददाता,आगराWed, 11 Dec 2019 12:01 AM
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मोबाइल गेम पबजी की लत ने मंगलवार को एक युवक की जान ले ली। ग्वालियर निवासी युवक अपने दोस्त के साथ स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस से आगरा आ रहा था। कान में ईयरफोन लगाकर गेम खेल रहा युवक उसमें इतना मगन हो गया कि बैग में रखी केमिकल की बोलत को पानी की बोतल समझ बैठा। जब तक उसे कोई रोकता युवक ने केमिकल पी लिया। युवक की ट्रेन में ही मौत हो गई। आगरा कैंट जीआरपी ने युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 


मंगलवार दोपहर 2 बजे ग्वालियर की तरफ से आगरा कैंट पहुंची स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस के स्लीपर कोच से ग्वालियर निवासी सौरभ यादव का शव उतारा गया। सौरभ के शव के साथ उसका दोस्त ग्वालियर निवासी संतोष शर्मा भी था। संतोष ने जीआरपी को बताया कि वह चांदी आभूषणों पर पॉलिश का काम करता है। इस वजह से उसका आगरा सर्राफा बाजार में आना-जाना होता है। मंगलवार को वह अपने पड़ोसी व 20 वर्षीय मित्र सौरभ यादव के साथ आगरा के लिए ग्वालियर से स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस में सवार हुआ था। संतोष अपने साथ जो बैग लाया था, उसमें पॉलिश में इस्तेमाल होने वाला केमिकल एक बोतल में रखा था। बैग में पानी की बोतल भी रखी थी। ट्रेन में बैठते ही सौरभ ने ईयरफोन लगाकर मोबाइल पर पबजी गेम खेलना शुरू कर दिया था। वह थोड़ी दूर बैठा था। मुरैना के पास सौरभ को प्यास लगी तो उसने पबजी खेलने में व्यस्त होने के चलते बिना देखे पानी की बोतल निकालने के लिए बैग में हाथ डाला। दुर्भाग्यवश: उसके हाथ में केमिकल भरी बोतल लग गई। सौरभ ने बिना देखे बोतल को मुंह से लगा लिया। 


गले में केमिकल के उतरते ही सौरभ की हालत खराब हो गई। आसपास बैठे लोग सौरभ की बिगड़ती हालत देखकर घबरा गए। ट्रेन तब तक धौलपुर स्टेशन पहुंच गई थी। वहां ट्रेन का ठहराव न होने से सौरभ को समय पर इलाज नहीं मिल सका। ट्रेन आगरा कैंट पहुंची तब तक सौरभ की मौत हो चुकी थी। जीआरपी ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। 


कुछ घंटे बाद ही पहुंच गए परिजन
संतोष ने मामले की जानकारी फोन पर सौरभ के परिजनों को दे दी थी। सौरभ पढ़ाई के साथ-साथ ग्वालियर में किसी पार्किंग में काम करता था। परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। इंस्पेक्टर जीआरपी ने बताया कि सौरभ की मौत के मामले में परिजनों की तरफ से अभी कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई है।

 

PUBG के शिकार बच्चे को पहचान कर ऐसे बचें

क्या है पबजी
पबजी मोबाइल एक शूटर बैटल रॉयल गेम है, जिसमें 100 खिलाड़ी एक बैटलग्राउंड में छोड़े जाते हैं और वे मरने तक लड़ते हैं। 100 लोगों में आखिर तक जिंदा रहने वाला खिलाड़ी गेम का विजेता बनता है। 

गेम का बच्चों पर असर
- नींद की समस्या होना
- समाज से कटना 
- एकाग्रता में कमी, भूलने की बीमारी होना
- गेम से आक्रामकता बढ़ रही
- बच्चों के स्वभाव में चिड़चिड़ापन
- रचनात्मक कार्य करने को समय की कमी 
- आंखों की रोशनी प्रभावित हो रही।
- लगातार बैठे रहने से मोटापा, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी समस्याएं बढ़ रहीं 

इस तरह बच्चों की करें पहचान
- बच्चा गुमसुम और लोगों से अलग-अलग (एकाकी) रहता हो
- बच्चे में गुस्सा कम आता हो लेकिन चिड़चिड़ापन हो
- पढ़ाई में सामान्य हो लेकिन खेलकूद में सबसे कमजोर
- शारीरिक दुबले-पतले और मौसमी बीमारियों से ग्रसित रहने वाले  

कैसे छुड़ाएं गेम की आदत
अगर बच्चे मोबाइल इस्तेमाल कर रहे हैं तो इस बात पर नजर रखी जाए कि वह किन चीजों में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं। एलके सिंह कहते हैं कि अगर बच्चा मोबाइल में गेम या पबजी का लती हो रहा है तो उसे समझाएं। धीरे-धीरे उसकी एनर्जी बांटने की कोशिश करें। उसे अन्य कामों में लगाएं। गेम को डिलीट कर दें। इसके बाद उसकी निगरानी करते रहें। उसके साथ अपनापन दिखाने का प्रयास करें। डांटे-फटकारें नहीं बल्कि उसे लगातार इसके नुकसान के बारे में समझाएं।

जरूरी बातें
- 200 पैरेंट्स से मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र के काउंसलरों ने बात की
- 100 पैरेंट्स को बच्चों के साथ काउसिलिंग सेंटर बुलाया गया
- 90% बच्चों ने माना कि वह स्कूल न जाकर  पबजी खेलते हैं
- 10 फीसदी बच्चों ने माना कि स्कूल टाइम के बाद पढ़ाई नहीं करते
- 40  स्कूलों के सभी बच्चे 8वीं से 12वीं के बीच पढ़ने वाले


स्कूल जाने से किया इनकार
एक बच्चा 11वीं में था। पढ़ाई में अच्छा था। पहले उसने तमाम तरह के बहाने बनाकर स्कूल जाने से इनकार किया। जब उसे ऑब्जर्व किया गया तो पता चला कि वह मोबाइल पर गेम खेलने की वजह से नहीं जाता। जब बिल्कुल ही स्कूल से भागता लगा तो बात करने पर पता चला कि वह पबजी खेलता है।


पढ़ाई में पड़ने लगा फर्क
एक छात्र पढ़ने में काफी अच्छा था लेकिन उसके नंबर टेस्ट में कम होने लगे। स्कूल जाने के बाद भी वह क्लास से गायब होने लगा।  उसका एकेडमिक कॅरियर लड़खड़ाने लगा। उसने स्कूल जाना भी बंद कराया। जब अभिभावक उसे मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र लाए तो पता चला कि वह पबजी का एडिक्ट है।

प्रधानमंत्री को भी पता है पबजी
29 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘परीक्षा पे चर्चा’ का आयोजन किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान दो हजार से ज्यादा बच्चों को संबोधित किया था, इस दौरान उन बच्चों के माता-पिता भी शामिल थे। चर्चा के दौरान एक मां ने मोदी से पूछा कि पहले मेरा बेटा पढ़ाई में ठीक था, लेकिन आजकल ऑनलाइन गेम्स की वजह से वो थोड़ा कमजोर हो गया है। इस बात का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि ये पबजी वाला है क्या। मोदी के ऐसा कहते ही पूरा स्टेडियम तालियों की गूंज से भर उठा। 

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