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दुष्यंत के सहारे जाटों को साधने की कोशिश में भाजपा, दिल्ली चुनाव में फायदे की उम्मीद

 भाजपा ने हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जजपा) से गठबंधन कर जाटों को एक बार फिर साधने की कोशिश की है। ऐसा करने से जाट समुदाय का भाजपा के प्रति भरोसा फिर लौटेगा और उसे हरियाणा...

दुष्यंत के सहारे जाटों को साधने की कोशिश में भाजपा, दिल्ली चुनाव में फायदे की उम्मीद
रामनारायण श्रीवास्तव,नई दिल्लीSat, 26 Oct 2019 08:09 AM
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 भाजपा ने हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जजपा) से गठबंधन कर जाटों को एक बार फिर साधने की कोशिश की है। ऐसा करने से जाट समुदाय का भाजपा के प्रति भरोसा फिर लौटेगा और उसे हरियाणा ही नहीं आने वाले दिल्ली के चुनाव और अन्य राज्यों में भी इसका लाभ मिलेगा।

नतीजों से सतर्क हो गई थी भाजपा : चुनावों में जाट समुदाय ने भाजपा को झटका दिया, जिससे पार्टी काफी सतर्क हो गई है। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने निर्दलीय विधायकों से चर्चा कर उनका समर्थन हासिल किया। इसके बाद भाजपा जजपा के रुख का इंतजार कर रही थी। शाम को जब दुष्यंत चौटाला ने अपनी पार्टी की बैठक के बाद संकेत दिए कि वह भाजपा के साथ जा सकते हैं तो गठबंधन का रास्ता भी खुल गया। हालांकि दोनों दलों के बीच गठबंधन की शर्तें मोटे तौर पर तब तक तय हो चुकी थी और उनकी जानकारी अहमदाबाद गए अमित शाह को दे दी गई थी। इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद रहे।

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भाजपा विधायक दल की बैठक शनिवार (26 अक्टूबर) को होगी, जिसमें खट्टर को फिर से विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पार्टी महासचिव अरुण सिंह बतौर पर्यवेक्षक उपस्थित रहेंगे। इसके बाद भाजपा और जजपा की संयुक्त बैठक भी होगी जिसमें समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक भी मौजूद रहेंगे। यहां पर सरकार बनाने के लिए खट्टर को नेता चुना जाएगा।

किसी पार्टी को नहीं मिला बहुमत, भाजपा सबसे बड़ी पार्टी
राज्य विधानसभा चुनाव में किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, हालांकि भाजपा 40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। चुनाव नतीजे आने के बाद भारतीय जनता पार्टी अगली सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के आंकड़े से छह सीट पीछे रह गई। चुनाव में कांग्रेस को 31 सीटों पर जीत मिली है, जबकि जननायक जनता पार्टी (जजपा) को 10 और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) को एक-एक सीट मिली हैं। स्वतंत्र उम्मीदवारों ने सात सीटों पर जीत दर्ज की है।

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2014 की तुलना में इस बार कम हुआ मतदान
हरियाणा में सोमवार (21 अक्टूबर) को 68 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया था जो 2014 में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में कुछ कम था। उस वर्ष 76.54 प्रतिशत मतदान हुआ था। वर्ष 2014 में भाजपा ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी और कांग्रेस को 15 सीटें मिली थी। इंडियन नेशनल लोकदल ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी और बहुजन समाज पार्टी तथा शिरोमणि अकाली दल को एक-एक सीट मिली थी। पांच निर्दलीय थे। इस बार 105 महिलाओं समेत 1,169 उम्मीदवार मैदान में थे। 

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