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बाढ़ के समय वाहनों को होने वाले नुकसान को करें कम, अपनाएं ये कदम

भारत के बड़े हिस्सों में अचानक आई जल प्रलय ने बड़े पैमाने पर मनुष्यों के जीवन के साथ-साथ उनकी सम्पत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। मुंबई भारी बारिश के कारण एक अहाते में दीवार के ढह जाने से 27 लोगों...

बाढ़ के समय वाहनों को होने वाले नुकसान को करें कम, अपनाएं ये कदम
नई दिल्लीTue, 13 Aug 2019 03:59 PM
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भारत के बड़े हिस्सों में अचानक आई जल प्रलय ने बड़े पैमाने पर मनुष्यों के जीवन के साथ-साथ उनकी सम्पत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। मुंबई भारी बारिश के कारण एक अहाते में दीवार के ढह जाने से 27 लोगों मृत्यु हो गई तथा 120 से भी अधिक लोग घायल हो गए। इस शहर में मात्र 48 घंटे की अवधि में 540 मिलिमीटर्स बारिश दर्ज की गई। बाढ़ के इस पानी में सैकड़ों पब्लिक और प्राइवेट वाहन डूब गए थे और अगले दिन जब पानी उतरा तब ये वाहन खराब हालत में मिले। सड़कों तथा फ्लाईओवरों पर बिखरे पड़े कारों के अवशेष ये स्थिति बयां करते मिले कि किस तरह उनके मालिक उन्हें उसी जगह छोड़कर खुद को बचाने के लिए भागे होंगे। 

बाढ़ के दौरान पानी में से किसी भी वाहन, खासकर कार को लेकर गुजरना असुरक्षित है क्योंकि आप नहीं जानते कि कब इस पानी का स्तर बढ़ जाएगा, आपकी कार के सेंट्रल डोर लॉकिंग सिस्टम को जाम कर देगा और आपको तथा कार के अंदर बैठे अन्य लोगों को अंदर ही फंसा छोड़ देगा। मुंबई तथा देश के बाकी  ऐसे स्थान जहाँ बारिश की वजह से बाढ़ के हालात का पैदा होना हर साल आम है, वहां इसकी वजह से मोटर इंश्योरेंस क्लेम की संख्या में अत्यधिक तेजी आई है। बीमा करने वालों के लिए सौभाग्य से कुछ कार मालिक इंजन को किसी बाहरी साधन (क्रैंक) से चालू करने की कोशिश करते हैं जिससे गाड़ी का नुकसान और भी बढ़ जाता है। अधिकांश कार मालिक अपनी गाड़ियां टो करवाकर पास के गैरेज तक सुधरवाने के लिए ले जाते हैं। उदाहरण के लिए इस वर्ष मोटर इंजन के डैमेज होने की कुछ ही रिपोर्ट दर्ज हुईं और फलस्वरूप क्लेम्स की तुलनात्मक रूप से उतने ऊँचे नहीं गए।

चूंकि, इंजन का डैमेज हमेशा मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत कवर नहीं किया जाता, इसलिए आपको यह सुनिश्चित रखने की आवश्यकता है कि आपकी कार और आप, दोनों ही बाढ़ के दौरान सुरक्षित रहें। नीचे दिए गए बिंदुओं पर गौर करें और जानें कि इस स्थिति में मनुष्य और गाड़ियों दोनों का ही नुकसान कम से कम करने के लिए क्या किया जा सकता है। 

* बाढ़ के दौरान, कार के भीतर न रहें। गाड़ी की खिड़कियों को नीचे कर लें और दरवाजों को खुला रखें। क्योंकि कार के बाहर पानी का स्तर बढ़ने पर आप अंदर फंस सकते हैं। ऐसा नहीं किया तो यह कार में मौजूद हर व्यक्ति के लिए जानलेवा हो सकता है। कार से बाहर आ जाएँ और तेजी से किसी ऊँची जगह जाने का प्रयास करें। याद रखें कि इंसान का जीवन किसी भी गाड़ी से अधिक कीमती है चाहे वह गाड़ी कितनी भी महंगी क्यों न हो।

* यह सुनश्चित करें की आपकी कार उस जगह से कितनी दूरी पर डूबी थी जहाँ बाहर की ओर मिटटी से भरा पानी लकीर छोड़ गया है। इससे यह पता चलेगा कि पानी कार पर कहाँ तक था। यदि पानी का स्तर दरवाजों से ऊपर नहीं गया है तो इसका मतलब है कि आपकी गाड़ी को गंभीर नुकसान हो सकता है। मगर जिस क्षण आप इस बात को नोटिस करें कि पानी का स्तर डैशबोर्ड की बेसलाइन पर पहुँच रहा है, तुरंत अपने इंश्योरेंस प्रोवाइडर या सर्विसिंग यूनिट को कॉल करें और उनकी हिदायतों का पालन करें। 

* कार के फ्यूल सिस्टम को देखें। पुरानी कारों से पूरे फ्यूल को निकाल देने की जरूरत होती है। ब्रेक, क्लच, पावर स्टीयरिंग तथा कूलेंट (ठंडा करने वाली गैस या लिक्विड) को बदल देना चाहिए। 

* यदि गाड़ी का इंजन थोड़ी देर भी पानी के अंदर रहा है और खासतौर पर यदि यह पूरी तरह डूबा रहा है तो उपयुक्त यही है कि उसे बाहर निकलने के बाद तुरंत स्टार्ट न करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो इसकी पूरी आशंका है कि पानी इंजन के भीतर पहुँच जायेगा और इसकी अंदरूनी रॉड्स को मोड़ देगा। गाड़ी के मेक और मॉडल के हिसाब से एक डैमेज हुए इंजन के लिए 20,000 से 1 लाख रूपये तक चुकाने पड़ सकते हैं।

* जब भी बाढ़ में से ड्राइव करके गुजर रहे हों तो हमेशा कार की स्पीड को बढ़ाये रखें ताकि पानी को एग्ज़ॉस्ट में जाने से रोका जा सके।

* यदि सम्भव हो तो कुछ दिन कार को स्टार्ट करने से बचें, ताकि एयर डक्ट में बची पानी की कोई भी बूँद इंजन को खराब कर सकती है।

* अक्सर सर्विस प्रोवाइडर शॉर्ट सर्किट की दुर्घटना से बचने के लिए बैटरी को निकाल देने पर जोर देते हैं। ऐसे में जब आप बैटरी को वापस कनेक्ट करते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आपने सारे इलेक्ट्रिकल सिस्टम्स एक के बाद एक जांच लिए हैं। इसके लिए सबसे पहले हॉर्न से शुरू करते हुए फिर हेडलाइट्स, इंडिकेटर्स और फिर एयर कंडीशनिंग, स्टीरियो, पॉवर लॉक्स, खिड़कियां और सीट्स तथा यहाँ तक कि एंड की लाइट्स तक को चैक करें। यदि आपको थोड़ी भी गड़बड़ महसूस हो तो तुरंत अपने मैकेनिक से सम्पर्क करें।

* अपने नजदीकी गैराज या सर्विस प्रदाता तक कार को पूरी जांच के लिए ले जाने के लिए किसी टो सर्विस (गाड़ी को खींचकर ले जाने वाला साधन) की मदद लें। जब टो वैन या टो करने वाली गाड़ी रास्ते में हो, गाड़ी को सुखाना शुरू करें ताकि काई और जंग उसमें अंदर न बैठ पाए, लेकिन गलती से भी गाड़ी के इंजन को किसी बाहरी साधन या स्टार्टर से चालू करने की कोशिश न करें। कार के गीले इंटीरियर को सूखे कपड़े से सुखाने की कोशिश करें। याद रखें कि यदि गाड़ी नमक वाले पानी में डूबी थी तो नुकसान और भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि नमक का पानी ज्यादा नुकसान पहुँचाने वाला होता है। 

* एक ऐसी विस्तृत मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदें, जिसमें आवश्यकता के अनुसार विशेष एड-ऑन कवर करने की सुविधा हो, ताकि आप पर एकदम से आर्थिक भार न पड़े। आपके द्वारा किया गया इंश्योरेंस कार को हुए अधिकतम नुकसान की भरपाई करने में मदद करेगा, इससे आपको अपनी जेब से कम से कम पैसा चुकाना पड़ेगा। 

-संजय दत्ता, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस

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