वाराणसी से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार और पीएम मोदी (PM Modi) के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बर्खास्त जवान तेज बहादुर (Tej Bahadur) ने बताया है कि बीएसएफ ने चुनाव आयोग (Election Commission) को पत्र भेजा है। इस पत्र में लिखा गया है कि तेज बहादुर को अनुशासनहीनता में बर्खास्त किया गया है। वहीं, तेज बहादुर के नामांकन रद्द किए जाने की जिला प्रशासन ने घोषणा की है।
बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर के समर्थकों ने डीएम पोर्टिको को घेरकर जमकर धरना प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि तेज बहादुर का नामांकन रद्द न किया जाए। इस दौरान तेज बहादुर के समर्थकों ने सेना की वर्दी और तिरंगा लेकर नारेबाजी की और साजिश के तहत तेज बहादुर के पर्चा निरस्त करने की षड्यंत्र का आरोप भी बीजेपी सरकार और निर्वाचन अधिकारियों पर लगाया।
ये भी पढ़ें: चुनाव आयोग की नोटिस पर बोले तेज बहादुर, सरकार के दबाव में फैसला
इस मौके पर रिटायर्ड फौजी पंकज मिश्रा ने चेतवानी दी कि तेज बहादुर का पर्चा रद्द होने पर वे अनवरत धरना देंगे और उनका साथ देने देश भर से सेना के जवान यहाँ आएंगे। कुछ ही देर चले धरना प्रदर्शन को पहुचे एडीएम सिटी और एसपी सिटी ने पहुंचे और नामांकन स्थल से प्रदर्शनकारियों को 100 मीटर दूर कर दिया।
इससे पहले बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर ने चुनाव आयोग की ओर से मिले नोटिस पर मीडिया के सामने अपनी बात रखी थी। मीडिया से अपनी बात कहते हुए तेज बहादुर ने आरोप लगाया कि चुनाव अधिकारी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा जब से समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपना प्रत्याशी बनाया है तब से भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ गई है।
मीडिया ने जब दो शपथ पत्रों में अलग-अलग सूचना देने पर सवाल पूछा तो तेज बहादुर ने बताया कि यह उनके फॉर्म मे कोई कमी होती तो चुनाव अधिकारी को उसी वक्त बताना चाहिए। जिस डाकुमेंट की कमी होती उसे पूरा किया जाता। लेकिन अब मंगलवार को शाम तीन बजे उन्हें चुनाव अधिकारी ने नोटिस भेजा और बुधवार सुबह 11 बजे तक केंद्रीय निर्वाचन कार्यलय से प्रमाणित दस्तावेज लाने के लिए कहा गया है। तेज बहादुर का आरोप है ऐसा उन्हें परेशान करने और चुनाव लड़ने से रोकने के लिए किया जा रहा है।