ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशसपा-बसपा गठबंधन: सीटों के बंटवारे पर मायावती ने ही लगाई अंतिम मुहर

सपा-बसपा गठबंधन: सीटों के बंटवारे पर मायावती ने ही लगाई अंतिम मुहर

लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा गठबंधन और सीटों को लेकर चल रहे कयासों के दौर में तस्वीर अब पूरी तरह से साफ हो चुकी है। यह तय हो चुका है कि गठबंधन में बसपा 38 और सपा 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अगर सही...

सपा-बसपा गठबंधन: सीटों के बंटवारे पर मायावती ने ही लगाई अंतिम मुहर
लखनऊ। शैलेंद्र श्रीवास्तवFri, 22 Feb 2019 09:06 AM
ऐप पर पढ़ें

लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा गठबंधन और सीटों को लेकर चल रहे कयासों के दौर में तस्वीर अब पूरी तरह से साफ हो चुकी है। यह तय हो चुका है कि गठबंधन में बसपा 38 और सपा 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अगर सही मायने में कहा जाए तो गठबंधन की बुनियाद रखने से लेकर सीटों के बंटवारे तक बसपा सुप्रीमो मायावती ही मुख्य किरदार के रूप में नजर आई हैं। बात सीटों के बंटवारे की सूची जारी करने की हो या फिर गठबंधन को लेकर प्रेस कांफ्रेंस करने की, मायावती ने ही अहम भूमिका निभाई है।

मायावती का दिखा असर
मायावती के बारे में यह तो बिल्कुल साफ है कि वह अपनी शर्तों पर राजनीतिक करती हैं। लोकसभा चुनाव 2014 और यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में बसपा को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के अगस्त 2017 में 'भाजपा भगाओ देश बचाओ' पटना की रैली में जहां सभी विपक्षी दल जाने को तैयार थे, वहीं मायावती ने जाने से इनकार कर दिया। उन्होंने न जाने का कारण बताते हुए कहा था कि किसी भी गठबंधन में वह सीट बंटवारे से पहले कोई भी मंच साझा नहीं करेंगी। मायावती अपने इस नीति और फार्मूले पर कायम रहीं। वह लगातार कहती रहीं कि वह सम्मानजनक स्थिति पर ही समझौता करेंगी और गुरुवार को उनके कथन के मुताबिक तस्वीर बिल्कुल साफ हो गई।

अहम किरदार बनकर उभरी
गठबंधन के कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रम का जिक्र अगर करें तो मायावती इसकी अहम किरदार दिखाई पड़ती रहीं हैं। गोरखपुर-फूलपुर लोकसभा उप चुनाव के बाद अखिलेश और मायावती की अहम मुलाकात होती है। सपा के किसी बड़े नेता की मायावती से यह 23 साल बाद मुलाकात होती है और वह भी उनके घर पर। अगर, जनवरी 2019 में गठबंधन को लेकर होने वाले प्रेस कांफ्रेंस की बात करें, तो इसमें भी मायावती अहम रोल में नजर आईं। प्रेस को सबसे पहले वह संबोधित करती हैं और वह कुल 24 मिनट बोलती हैं, जबिक सपा मुखिया अखिलेश सिर्फ आठ मिनट। मायावती ने तब ही यह साफ कर दिया था कि सीटों के बंटवारे की सूची प्रेस को विज्ञप्ति के माध्यम से भेज दी जाएगी और बिल्कुल वैसा ही हुआ। बसपा की तरफ से यह सूची भेजी गई। हैरत तो यह कि इस बारे में सपा के कार्यकर्ताओं और मीडिया सेल के कर्मियों तक को जानकारी काफी बाद में हुई।

जनाधार वाली सीटें बसपा के पास
बसपा का आधार वोटबैंक दलित माना जाता है। यूपी लोकसभा में आरक्षित वर्ग की कुल 17 सीटें हैं। इन सीटों पर दो चुनावों की बात करें तो वर्ष 2009 में सपा ने 10 और बसपा ने दो सीटें जीतीं। लोकसभा चुनाव में यह तस्वीर बिल्कुल उलटी थी। बसपा 11 स्थानों पर दूसरे नंबर पर थी और सपा पांच स्थानों पर। अब गठबंधन में सीटों के बंटवारे की बात करें तो बसपा ने अपने पास 11 रखी हैं और सपा को छह सीटें दी गई हैं। इसके अलावा यूपी की कुल 80 सीटों की बात करें तो बसपा ने अपनी परंपरागत सीटें अपने पास ही रखी हैं। इसमें खासकर पश्चिमी यूपी की सर्वाधिक सीटें हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें