हिरासत में लिए जाने के बाद भी सोनभद्र जाने पर अड़ीं प्रियंका, बोलीं- धारा 144 का नहीं करूंगी उल्लंघन
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए नरसंहार के पीड़ितों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को सोनभद्र में यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। प्रियंका गांधी समेत करीब 10 लोगों को पुलिस ने...
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए नरसंहार के पीड़ितों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को सोनभद्र में यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। प्रियंका गांधी समेत करीब 10 लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले रखा है। हिरासत में लिए जाने के बाद भी प्रियंका गांधी सोनभद्र के उभ्बा गांव जानें पर अड़ीं हुई हैं। प्रियंका गांधी अभी चुनार गेस्ट हाउस में हैं और वहां पर हंगामा जारी है। प्रियंका गांधी का कहना है कि वह सोनभद्र में पीड़ित परिवारों से मिले बिना नहीं जाएंगी। प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं धारा 144 कानून का उल्लंघन नहीं करूंगी। बता दें कि सोनभद्र में धारा 144 लागू है।
बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी के साथ नौ कांग्रेसी जिसमें पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी, पूर्व विधायक अजय राय, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार उर्फ लल्लू, राजन पाठक बृजेश तिवारी, गोपाल स्वरूप पाठक, राजेश द्विवेदी, ज्ञानेंद्र तिवारी और प्रीतम चौबे को भी हिरासत में लिया गया है।
सोनभद्र में धारा-144 तो मिर्जापुर में क्यों रोका गया: प्रियंका
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को जब नरायनपुर पुलिस चौकी पर रोका गया तो उन्होंने एसडीएम और सीओ से पूछा कि यहां क्यों रोका जा रहा है। एसडीएम ने बताया कि सोनभद्र में धारा-144 लागू है। प्रियंका बोलीं-तो मिर्जापुर में किस कानून के तहत रोका जा रहा है। वह कौन सा कानून है। वह पेपर दिखाया जाए। प्रियंका के सवालों का एसडीएम और सीओ के पास कोई जवाब नहीं था। दोनों अधिकारी एकदम शांत हो गए। इसके बाद ही वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं। उन्होंने कहा कि हम सोनभद्र में मारे गए लोगों के परिजनों से शांतिपूर्ण ढंग से मिलने जा रहे थे पर प्रशासन ने रोक लिया। वहीं हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका गांधी ने एलान किया कि सोनभद्र के पीड़ित निराश न हों, मैं सोनभद्र आऊंगी।
इस बीच राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साई ने सोनभद्र नरसंहार मामले में संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव, डीजीपी, सोनभद्र डीएम और एसपी से जवाब मांगा है। आयोग की पांच सदस्यीय टीम 22 जुलाई को सोनभद्र का दौरा करेगी।
34 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान का भी परवाह नहीं
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी जिस समय नरायनपुर पुलिस चौकी के सामने धरने पर बैठीं, उस समय तापमान 34 डिग्री सेंटीग्रेट था। यहीं नहीं सिर पर उन्होंने पल्लू भी नहीं रखा था। नीले रंग की साड़ी पहने प्रियंका का चेहरा तेज धूप से लाल हो गया था। पसीने से तरबतर प्रियंका कभी मुंह का पसीना पोछतीं तो कभी केंद्र व प्रदेश सरकार की आलोचना करतीं। यही स्थिति चुनार किले पर भी रही। यहां का तापमान भी 34 डिग्री सेंटीग्रेट के करीब रहा।
वाराणसी के डीएम और एसएसपी थे साथ
वाराणसी के डीएम और एसएसपी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के वाहन के पीछे अपने-अपने वाहनों से लगे थे। जब नरायनपुर पुलिस चौकी के सामने प्रियंका के वाहन को रोका गया तब दोनों अफसर भी जिले की पुलिस के साथ हो लिए और प्रियंका गांधी को आगे जाने से रोका गया।
वाहन के सामने लेट गए कांग्रेसी
एसडीएम चुनार एसपी सिंह व सीओ हितेंद्र कृष्ण जब प्रियंका गांधी को हिरासत में लेकर चुनार किला की तरफ रवाना होने के लिए तैयार हुए तो जिले के कांग्रेसी एसडीएम के वाहन के सामने लेट गए। उसी वाहन में प्रियंका गांधी को एसडीएम ने बैठाया था। कांग्रेसियों के उग्र रवैए को देख पुलिसकर्मियों ने सड़क पर लेटे कार्यकर्ताओं को वाहन के सामने से घसीटना शुरू कर दिया। पुलिसकर्मी कई कांग्रेसियों को घसीट कर वाहन के सामने से हटाया। इसके बाद फोर्स के साथ प्रियंका को लेकर एसडीएम चुनार किला पहुंचे।
कैलहट में ललितेश पति ने रोका एसडीएम का वाहन
प्रियंका को हिरासत में लेकर जब एसडीएम चुनार किले के लिए रवाना हुए तो कैलहट पहुंचने पर कांग्रेस के पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने एसडीएम का वाहन रोक लिया। कांग्रेसियों ने प्रियंका से मुलाकात के दौरान जमकर नारेबाजी की। केंद्र व प्रदेश सरकार पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया। कहा, अपनी नाकामी छिपाने क लिए प्रदेश सरकार प्रियंका को उम्भा गांव नहीं जाने देना चाहती है। इससे साबित हो रहा है कि दलितों और गरीबों के मुद्दे को प्रदेश सरकार लाठी के बल पर कुचलना चाहती है।
दो दर्जन वाहनों का था काफिला
प्रियंका जब वाराणसी से सोनभद्र के लिए रवाना हुईं तो उनके साथ पूर्वांचल के विभिन्न जिलों के कांग्रेसियों के दो दर्जन वाहन थे। काफिले को देख प्रशासन की एक बार तो दशा खराब हो गई। इनमें प्रमुख रूप से पूर्व विधायक अजय राय, ललितेश पति त्रिपाठी, सोनभद्र के पूर्व जिलाध्यक्ष रमाकांत, मिर्जापुर के पूर्व जिलाध्यक्ष गिरीश त्रिपाठी, रामनगर नगर पालिका की पूर्व चेयरमैन रेखा वर्मा, वाराणसी के मधुकर पाण्डेय समेत कई नेता शामिल थे।
तीन थानेदार और ढाई सौ पुलिसकर्मी थे नरायनपुर में
प्रियंका को नरायनपुर पुलिस चौकी पर हिरासत में लेने के लिए जिला प्रशासन पहले से ही तैयार था। जिला प्रशासन ने चुनार,अदलहाट एवं अहरौरा थाने के थानेदारों के साथ ही ढाई सौ पुलिस कर्मियों की तैनाती नरायनपुर पुलिस चौकी पर कर दी थी। इसके अलावा वाराणसी से रैपिड एक्शन फोर्स को भी बुला लिया गया था। जिला प्रशासन को आशंका थी कि प्रियंका की गिरफ्तारी पर जिले के साथ ही वाराणसी और सोनभद्र के कांग्रेसी बवाल कर सकते हैं। इसी के मद्देनजर बड़ी संख्या में फोर्स का इंतजाम कर लिया गया था, ताकि स्थिति पर नियंत्रण आसानी से किया जा सके।
क्या है मामला: 17 जुलाई को सोनभद्र के उभ्भा गांव में 112 बीघा खेत के लिए दस ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया गया था। लगभग चार करोड़ रुपए की कीमत की इस जमीन के लिए प्रधान और उसके पक्ष ने ग्रामीणों पर अंधाधुन फायरिंग कर दी थी। इस हादसे में 25 अन्य लोग घायल हो गए थे।
कैसे हुआ था मामला: सोनभद्र उम्भा गांव में 112 बीघा खेत जोतने के लिए गांव का प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर 32 ट्रैक्टर लेकर पहुंचा था। इन ट्रैक्टरों पर लगभग 60 से 70 लोग सवार थे। यह लोग अपने साथ लाठी-डंडा, भाला-बल्लम और राइफल और बंदूक लेकर आए थे। गांव में पहुंचते ही इन लोगों ने ट्रैक्टरों से खेत जोतना शुरू कर दिया। जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो यज्ञदत्त और उनके लोगों ने ग्रामीणों पर लाठी-डंडा, भाला-बल्लम के साथ ही राइफल और बंदूक से भी गोलियां चलानी शुरू कर दी।
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