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CRPF कैंप: जवान बोले- आतंकियों को जिंदा न छोड़ने की मिले छूट

पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले से गुरुग्राम के कादीपुर स्थित सीआरपीएफ कैंप के जवानों में आक्रोश है। रविवार को 'हिन्दुस्तान' टीम ने जवानों से बात की तो उनके जज्बात आंखों से छलक आए।...

soldier tribute to martyr of pulwama attack
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हिन्दुस्तान टीम ,गुरुग्रामSun, 17 Feb 2019 08:46 PM
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पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले से गुरुग्राम के कादीपुर स्थित सीआरपीएफ कैंप के जवानों में आक्रोश है। रविवार को 'हिन्दुस्तान' टीम ने जवानों से बात की तो उनके जज्बात आंखों से छलक आए। इस दौरान जवानों ने कहा कि आतंकियों को जिंदा न छोड़ें। इस दौरान सीआरपीएफ के जांबाजों ने कहा दुश्मन में अगर ताकत है तो वह सामने से हमला करे, छिपकर नहीं। सीआरपीएफ के जवानों ने पुलवामा में आतंकियों की करतूत की एक सुर में निंदा की। कहा कि, वे चाहते हैं कि सरकार जवानों को आंतकियों को जिंदा न छोड़ने की छूट दे, ताकि वे इस कायरतापूर्ण कार्रवाई का करारा जवाब दे सकें। कार्यक्रम में हाल ही में जम्म-कश्मीर की ड्यूटी से लौटे सीआरपीएफ के जवानों ने अपने अनुभव और दिक्कतों को साझा किया। साथ ही शहीद स्मारक पर कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। 
हमले से हमारा हौसला नहीं टूटेगा।

सीआरपीएफ कैंप में हिंदुस्तान की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में रविवार को जवानों ने पुलवामा हमले में शहीद हुए अपने 40 साथियों को खोने के बाद भी दुश्मन से लड़ने की हुंकार भरी। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सीआरपीएफ के जांबाजों ने कहा दुश्मन सोचता है कि इस तरह के हमले से हमारा हौसला टूट जाएगा तो वह गलतफहमी में है। सीआरपीएफ के जवाब सत्येन्द्र सिंह ने कि वह बदला लेने को तैयार हैं। उपनिरीक्षक विद्यानंद यादव ने जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि दुश्मन ने पीछे से वार किया है। कहा कि सीपीआरपीएफ के जवान किसी भी मोर्चे पर भिड़ने को तैयार हैं।

धारा 370 पर सोचे सरकार
इंस्पेक्टर पूरनमल यादव ने जम्मू-कश्मीर में अपनी तैनाती के अनुभवों का उल्लेख करते हुए कहा कि हम सैनिक हैं और किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम हैं लेकिन घाटी में सीआरपीएफ की सामने दिक्कत सिर्फ दुश्मन की नहीं है बल्कि वहां पर सशस्त्र बलों के पास अधिकार कम हैं। इससे भी दिक्कत आती है अब वक्त आ गया है जब धारा-370 पर सरकार कोई फैसला ले। उन्होंने कहा कि इस घटना से सीआरपीएफ के जवानों को जोश कम नहीं बल्कि बढ़ा है। मौका मिलने पर इसका करारा जवाब दिया जाएगा।

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राजनीति न हो
इंस्पेक्टर राजू यादव ने कहा कि हमारे मनोबल में कोई कमी नहीं आई है, सरकार श्रीलंका की तर्ज पर जवानों की सुरक्षा का कानून बनाए और जवानों के खिलाफ हथियार उठाने वाले को आतंकी घोषित करे। यादव ने कहा कि हमारे लिए यह दुख की घड़ी है लेकिन हमारा हौसला मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है सरकार इस हमले का माकूल जवाब देने का मौका देगी। उसमें दुश्मन नेस्तानाबूत किया जाएगा। यादव ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर जब कभी राजनीति होती है तो सैनिकों का मनोबल प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि वह बतौर सैनिक देश के जान देने को तैयार हैं लेकिन यह विषय राजनीति से दूर रहना चाहिए। 

छूट मिले तो छह-सात माह में कर देंगे सफाया
सीआरपीएफ के वरिष्ठ जवान चंद्र किशोर सिंह ने कहा कि पुलवामा हमला हताशा में किया गया कृत्य है। घाटी में सैनिक रोजाना आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचा रहे हैं। इसमें 4-5 आतंकी रोजाना मारे जा रहे हैं। दुश्मन ने छिपकर उसी का बदला लिया है जो कायरतापूर्ण है। सिंह ने कहा कि आतंकियों से सीधी लड़ाई शुरू होनी चाहिए। 6-7 महीने में जम्मू-कश्मीर से आतंकियों का नामोनिशान मिट जाएगा। हवालदार प्रदीप कुमार ने कहा कि आतंकियों के साथ इनके समर्थकों पर कार्रवाई करने की छूट मिलनी चाहिए, तभी इस नासूर का अंत जड़ से होगा। कुमार ने कहा कि पाकिस्तान में भारत का झंडा फहराने पर कड़ी कारवाई की जाती है तो फिर भारत में पाकिस्तान का झंडा फहराने पर नरमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कार्रवाई नहीं होने पर सैनिकों का मनोबल टूटता है। 

pulwama attack

विशेष अधिकारों की मांग उठी
सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट रवि गिल ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सैनिक मुकाबला करने को तैयार हैं। सीआरपीएफ के जवानों को स्पेशल पॉवर दी जाए। अभी ड्यूटी में हमें स्थानीय पुलिस को फॉलो करना पड़ता है। हमारे हाथ बंधे हुए हैं इससे भी दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई करने में बाधा आती है। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ हर तरह से सक्षम है। वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है। गिल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री-गृहमंत्री इसे बारे में मजबूत फैसला लेंगे।

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शहीद का दर्जा दे सरकार
इस कार्यक्रम में ऑल इंडिया पैरा मिलिट्री पर्सनल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बीएसएफ के पूर्व आईजी कंवर सिंह यादव व इसी एसोसिएशन के नेशनल सेक्रेटरी जनरल के आर यादव भी मौजूद रहे। दोनों पूर्व सैनिकों ने कहा कि सीआरपीएफ के जवानों को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने सीआरपीएफ के जवान हर मोर्चे पर मजबूती से लड़ रहे हैं। ऐसे में उनकी सुविधाओं में कटौती नहीं जानी चाहिए। उन्होंने कहा ऐसा करने से इन जवानों का मनोबल दोगुना होगा, उन्हें और अधिक प्रेरण व ताकत मिलेगी। बीएसएफ के पूर्व कमांडेंट लखपत राय यादव ने भी इससे सहमति जताई। उन्होंने कहा कि सैनिक, सैनिक होता है वह आधा नहीं हो सकता है। यादव ने सीआरपीएफ के जवान सेना की तरह आतंकियों से भिड़ते हैं। इसलिए उन्हें आगे से 'अर्द्ध' शब्द हटना चाहिए। उन्हें पूरा सैनिक माना जाना चाहिए। यादव ने कहा उन्हें उम्मीद है कि सरकार जरूर इस पर गंभीरता से विचार करके फैसला लेगी। 

भारत माता की जय के उद्घोष से गूंजा शौर्य स्थल
'हिन्दुस्तान' के कार्यक्रम में शौर्य स्थल पर शहीद हुए साथी जवानों को श्रद्धांजलि देते वक्त सीआरपीएफ के जवानों की आंखें नम हो गईं। उन्होंने कैंडल जलाकर शहीदों को नमन करते हुए उनकी आत्मा की शांति और उनके परिवारों को दु:ख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की। सीआरपीएफ के जवानों ने कार्यक्रम में वीर जवान जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारों के साथ अपना जोश भी जाहिर किया। इस मौके पर सीआरपीएफ के जवान नरेंद्र कुमार ने कहा कि हम लड़ने में पीछे नहीं हैं न ही मौत को कोई डर है। आतंकियों को सिविल सपोर्ट मिलने से उनका हौसला बढ़ता है उसको खत्म करने की जरूरत हैं। हवालदार सत्येंद्र मान सिंह ने कहा कि वह सभी शहीदों को नमन करते हैं और प्रण लेते है कि मौका मिलने पर दुश्मन से इसका पूरा बदला लेंगे। सीआरपीएफ के जवान अनिल गुर्जर और कृष्ण कुमार गुर्जर ने भी साथियों को खोने पर दु:ख व्यक्त किया।

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