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कश्मीर से दार्जिलिंग तक बर्फ से ढकीं वादियां, कई जगह फंस गए टूरिस्ट; बिजली भी ठप

पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी और हिमालय की गोद में बसे छोटे से सिक्किम राज्य में बुधवार सुबह से भारी बर्फबारी जारी है। बर्फबारी की वजह से जगह-जगह पर्यटकों के वाहन फंस गए हैं। ऊपरी सिक्किम के लाचुंगी, और...

कश्मीर से दार्जिलिंग तक बर्फ से ढकीं वादियां, कई जगह फंस गए टूरिस्ट; बिजली भी ठप
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीWed, 29 Dec 2021 10:33 AM

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पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी और हिमालय की गोद में बसे छोटे से सिक्किम राज्य में बुधवार सुबह से भारी बर्फबारी जारी है। बर्फबारी की वजह से जगह-जगह पर्यटकों के वाहन फंस गए हैं। ऊपरी सिक्किम के लाचुंगी, और दार्जिलिंग के संडकफू, फलूत, टाइगर हिल, घूम, आलूबाड़ी जैसे इलाके बर्फ की मोटी चादरों से ढंक गए हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के भी कई हिस्सों में हिमपात की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

बर्फबारी की वजह से इन इलाकों में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। ऐसे में सिक्किम ने पर्यटकों को एडवाइजरी जारी कर मौसम में सुधार होने तक घरों में रहने की सलाह दी है। सिक्किम में कई जगह बिजली और मोबाइल नेटवर्क जाने से आम जीवन पर असर पड़ा है। रविवार को ही एक हजार से ज्यादा पर्यटक पूर्वी सिक्किम में भारत-चीन सीमा के पास फंस गए थे। इन पर्यटकों को सेना ने बचाया। 

लगातार दो दिनों तक बर्फबारी और बारिश के चलते कश्मीर घाटी में मंगलवार को शीतलहर लौट आई एवं पारा हिमांक बिंदु के नीचे चला गया जबकि श्रीनगर उसका अपवाद रहा।उत्तरी कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र गुलमर्ग में पारा शून्य के नीचे 9.4 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। आज का न्यूनतम तापमान कल की तुलना में 3.4 डिग्री कम रहा। वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए आधार शिविर के रूप में उपयोग में आने वाले पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 7.9 डिग्री नीचे रहा जबिक उसकी पिछली रात यह शून्य के नीचे 4.1 डिग्री था। अधिकारियों के मुताबिक केवल श्रीनगर में न्यूनतम तापमान हिमांक के ऊपर रहा, यहां पारा 1.4 डिग्री तक लुढका । 

कश्मीर में 40 दिनों तक रहेगी ठंड
कश्मीर घाटी फिलहाल 40 दिनों की भयंकर सर्दी के दौर में दाखिल हुई जिसे 'चिल्ल-ई-कलां' कहा जाता है। 'चिल्ल-ई-कलां' एक ऐसा काल है जब सर्दी पूरे क्षेत्र में अपने गिरफ्त में लिये रखती है और तापमान काफी घट जाता है। यहां डल झील समेत घाटी के जलाशय एवं जलापूर्ति लाइनों में पानी बर्फ बन जाता है। इस दौरान हिमपात की संभावना अक्सर रहती हैं तथा ज्यादातर क्षेत्रों खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में भारी से बहुत अधिक हिमपात होता है। कश्मीर में 'चिल्ल-ई-कलां' 31जनवरी को खत्म होगा लेकिन उसके बाद भी शीतलहर रहती है और फिर 20 दिनों का 'चिल्लई-खुर्द' और 10 दिनों का 'चिल्लई बच्चा' का दौर आता है।

केदारनाथ एवं बदरीनाथ में हिमपात
बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर के आस-पास के क्षेत्रों में मंगलवार को ताजा बर्फबारी हुई, जिससे निचले क्षेत्रों में ठंड और बढ़ गई। वहीं, राज्य के मैदानी इलाकों में दिन में ज्यादातर समय आसमान में बादल छाए रहे। देहरादून में भी ठंड का प्रकोप रहा, जहां सूर्य दोपहर के समय महज कुछ देर के लिए निकला। आपदा प्रबंधन कार्यालय ने यहां बताया कि बदरीनाथ में बर्फबारी रुक- रुक कर होती रही, जबकि केदारनाथ में सुबह में हल्का हिमपात हुआ। मौसम विभाग ने बताया कि मुक्तेश्वर राज्य में सबसे ठंडा स्थान रहा। वहां न्यूनतम तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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