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स्मृति ईरानी ने इंस्टाग्राम पर फोटो शेयर कर दिया आलोचकों को जवाब

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इंस्टाग्राम का बखूबी इस्तेमाल करती हैं। वे इस्टाग्राम पर अक्सर फोटो शेयर करने के अलावा मीम और कोट्स भी शेयर करती रहती हैं। लेकिन गुरुवार को किया उनका एक पोस्ट चर्चा का...

स्मृति ईरानी ने इंस्टाग्राम पर फोटो शेयर कर दिया आलोचकों को जवाब
नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान टीम Fri, 26 Oct 2018 04:43 AM
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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इंस्टाग्राम का बखूबी इस्तेमाल करती हैं। वे इस्टाग्राम पर अक्सर फोटो शेयर करने के अलावा मीम और कोट्स भी शेयर करती रहती हैं। लेकिन गुरुवार को किया उनका एक पोस्ट चर्चा का विषय बन गया है। इस पोस्ट में ईरानी ने एक फोटो शेयर करते हुए आलोचकों को जवाब दिया है। हाल ही में सबरीमाला विवाद पर उनके द्वारा की गई टिप्पणी पर विवाद हुआ था। जिसके बाद लोगों ने स्मृति ईरानी को उनकी टिप्पणी के लिए घेरने की कोशिश की थी। अब माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ने इसी के जवाब में यह पोस्ट शेयर किया है। इस पोस्ट में शेयर की गई फोटो में स्मृति ईरानी के हाथ और मुंह बंधे हुए हैं। साथ ही लिखा गया है कि हम बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है। जो कि किशोर कुमार के एक गाने की प्रसिद्ध लाइन है।  

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

#hum bolega to bologe ki bolta hai... 😂🤔🤦‍♀️

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स्मृति ईरानी के खिलाफ परिवाद पत्र दायर
बिहार के सीतामढ़ी जिले की एक अदालत में केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बयान पर उनके खिलाफ गुरूवार को एक परिवाद पत्र दायर किया गया। अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सरोज कुमारी की अदालत में स्मृति इरानी और महिलाओं के प्रवेश के विरोध में उक्त मंदिर के सामने प्रदर्शन कर रहे अज्ञात लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 295 ए, 353, 124 ए, 120 बी आदि के तहत परिवाद पत्र दायर किया है। सिंह ने अपने परिवाद में आरोप लगाया कि स्मृति इरानी का पूरी नारी जाति को अपवित्र कहना महिलाओं की मर्यादा के खिलाफ और यह उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनादर है।

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उल्लेखनीय है क‍ि उच्चतम न्यायालय ने सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग के महिलाओं को प्रवेश की अनुमत‍ि दी थी लेकिन न्यायालय के फैसले का विरोध हो रहा है। ईरानी ने इसको लेकर बयान दिया था कि अगर आप माहवारी के दिनों में खून से सना सिनेटरी नैपकिन लेकर अपने दोस्तों के घर नहीं जा सकते हैं उस हालत में मंदिरों में भी नहीं जाना चाहिए। सबरीमला मंदिर की पुरानी परंपरा के अनुसार 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी।

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