ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशगोरखपुर हादसाः बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरके मिश्रा को सरकार ने किया सस्पेंड

गोरखपुर हादसाः बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरके मिश्रा को सरकार ने किया सस्पेंड

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन के चलते हुई 36 बच्चों की मौत के बाद कॉलेज के प्रिंसिपल आके मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया है। शनिवार को स्वास्थय मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और...

Shivendraलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 12 Aug 2017 07:13 PM

गुरुवार से शुरू हुआ संकट

गुरुवार से शुरू हुआ संकट4 / 4

बीआरडी में ऑक्सीजन की आपूर्ति का संकट गुरुवार को तब शुरू हुआ जब लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट में गैस खत्म हो गई। संकट को देखते हुए गुरुवार को दिन भर 90 जंबो सिलेंडरों से ऑक्सीजन की सप्लाई हुई। रात करीब एक बजे यह खेप भी खप गई। जिसके बाद अस्पताल में कोहराम मच गया। साढ़े तीन बजे 50 सिलेंडरों की खेप लगाई गई। यह सुबह साढ़े सात बजे तक चला।

सुबह फिर मचा कोहराम
वार्ड 100 बेड में भर्ती इंसेफेलाइटिस के 73 में से 54 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। सुबह साढ़े सात बजे ऑक्सीजन खत्म फिर खत्म हो गई। जिसके बाद वार्ड 100 बेड में हंगामा शुरू हो गया। एम्बुबैग के सहारे मरीजों को ऑक्सीजन दी गई। तीमारदारों के थक जाते ही डॉक्टर एम्बुबैग से ऑक्सीजन देते रहे।

यूपी सरकार ने कहा,ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई मौत
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने शुक्रवार की देर शाम यह बात कही। प्रवक्ता ने कहा कि आक्सीजन की कमी से पिछले कुछ घंटों में मेडिकल कालेज में भर्ती कई रोगियों की मृत्यु होने के संबंध में समाचार भ्रामक हैं। उन्होंने बताया कि इस समय गोरखपुर के जिलाधिकारी मेडिकल कालेज में मौजूद रहकर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। प्रवक्ता के अनुसार मेडिकल कालेज में शुक्रवार को भर्ती सात मरीजों की विभिन्न चिकित्सीय कारणों से मृत्यु हुई है। 

36 मौतों की जांच हो, आश्रितों को 20-20 लाख दिए जाएं
उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री एवं सपा नेता राधेश्याम सिंह ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दो दिन में 36 मासूमों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने, दोषियों पर मौत की धारा में मुकदमा कायम करने और मृतक आश्रितों को फौरन 20-20 लाख रुपये की मदद करने की प्रदेश सरकार से मांग की है। उन्होंने कहा कि सीएम मेडिकल कॉलेज का जिस दिन दौरा करते हैं, उसके दूसरे ही दिन आक्सीजन की कमी से मासूम तड़प-तड़प कर मरने लगते हैं। यह बताता है कि कॉलेज प्रशासन कितना गैरजिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि इतने गंभीर मामले में लीपापोती नहीं होनी चाहिए। दोषी अधिकारियों को सीधे बर्खास्त किया जाना चाहिए। सपा इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रही है। पार्टी पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। प्रदेश सरकार इन परिवारों को तत्काल 20-20 लाख रुपये की मदद दे।