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सिख कर्मचारियों और यात्रियों के लिए खुशखबरी, अब कृपाण लेकर कर सकेंगे हवाई यात्रा

हवाई सफर करने वाले सिख यात्रियों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। पुराने फैसले को बदलते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें अब कृपाण के साथ हवाई यात्रा करने की परमिशन दी है। इसके अलावा एयरपोर्ट पर ड्यूटी...

सिख कर्मचारियों और यात्रियों के लिए खुशखबरी, अब कृपाण लेकर कर सकेंगे हवाई यात्रा
Atul Guptaलाइव हिंदुस्तान ,नई दिल्लीMon, 14 Mar 2022 03:49 PM

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हवाई सफर करने वाले सिख यात्रियों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। पुराने फैसले को बदलते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें अब कृपाण के साथ हवाई यात्रा करने की परमिशन दी है। इसके अलावा एयरपोर्ट पर ड्यूटी करने वाले सिख कर्मचारी भी अपने साथ कृपाण रख सकेंगे।

बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया को धन्यवाद देते हुए नए ऑर्डर की कॉपी ट्वीट की है। इस ऑर्डर में लिखा है कि सिख कर्मचारी-यात्री एयरपोर्ट पर कृपाण रख सकते हैं। ऑर्डर के मुताबिक एयरपोर्ट पर ले जाने वाले कृपाण के ब्लेड का साइज 6 इंच से ज्यादा और पूरे कृपाण का साइज 9 इंच से ज्यादा नहीं होना चाहिए।. गौरतलब है कि हाल ही में सिविए एविएशन मिनिस्ट्री द्वारा जारी ऑर्डर के मुताबिक एयरपोर्ट पर कृपाल ले जाना प्रतिबंधित कर दिया गया था। कृपाण सिख समुयाद के पांच धार्मिक प्रतीकों में से एक है। सिख समुदाय के लोगों के लिए केश, कड़ा, कच्छा, कृपाण और कंघा धारण करना अनिवार्य है। 

एविएशन मिनिस्ट्री की तरफ से पिछले दिनों गाइडलाइंस जारी हुई थी उसके मुताबिक एयरपोर्ट पर सिख कर्मचारी या यात्रियों के कृपाण ले जाने पर रोक थी।  पिछले हफ्ते अमृतसर के श्री गुरू राम दास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक सिख कर्मचारी को इसलिए ड्यूटी ज्वाइन करने से रोक दिया गया क्योंकि उसके पास कृपाण था। अमृतसर एयरपोर्ट डायरेक्टर वेके सेठ ने इस बारे में कहा था कि- सिविल एविएशन डीजी द्वारा हाल ही में जारी गाइडलाइंस के मुताबिक ड्यूटी पर कोई कर्मचारी कृपाण धारण नहीं करेगा। उन्होंने कहा था कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं लेकिन गाइडलाइंस का पालन सभी को करना होगा।  

शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने सरकार के इस फैसले पर कड़ा विरोध जताते हुए इसे सिखों के अधिकार पर हमला बताया था। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को चिट्ठी लिखकर इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की थी। 
 

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