ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशराफेल डील: शिवसेना ने की JPC की मांग, कहा- जांच से डरना नहीं चाहिए

राफेल डील: शिवसेना ने की JPC की मांग, कहा- जांच से डरना नहीं चाहिए

भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने राफेल मामले (Rafale Case) की जांच के लिए बुधवार को लोकसभा (Loksabha) में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग की और कहा कि यह पारदर्शी सरकार है इसलिए जेपीसी की...

राफेल डील: शिवसेना ने की JPC की मांग, कहा- जांच से डरना नहीं चाहिए
नई दिल्ली, एजेंसीWed, 02 Jan 2019 06:02 PM
ऐप पर पढ़ें

भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने राफेल मामले (Rafale Case) की जांच के लिए बुधवार को लोकसभा (Loksabha) में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग की और कहा कि यह पारदर्शी सरकार है इसलिए जेपीसी की जांच से डरना नहीं चाहिए। सदन में राफेल विमान सौदा मुद्दे पर चर्चा के दौरान शिवसेना के अरविंद सावंत ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाए और वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इसका खंडन किया, लेकिन अब भी संदेह बने हुए हैं।

ये भी पढ़ें: राफेल की कीमत से लेकर HAL तक कांग्रेस के आरोपों पर जेटली का ये जवाब

न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, उन्होंने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को ऑफसेट अनुबंध नहीं मिलने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक ऐसी निजी कंपनी को यह ठेका क्यों दिया गया जो सिर्फ कागजों पर थी?

सावंत ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि किसके कहने पर यह अनुबंध दिया गया। उन्होंने कहा कि हम पारदर्शी सरकार हैं और अच्छी सरकार हैं तो फिर जेपीसी की जांच से डरना क्या? ये लोग (विपक्ष) जेपीसी की मांग कर रहे हैं तो जेपीसी बनाइए और दूध का दूध, पानी का पानी करिए।

ये भी पढ़ें: लोकसभा में राफेल को लेकर राहुल का दिखा आक्रामक अंदाज- 10 खास बातें

तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने जेपीसी की मांग उठाते हुए कहा कि लोकसभा में सत्तापक्ष के पास 300 से अधिक सदस्य हैं, लेकिन राफेल पर बात रखने के लिए दूसरे सदन के व्यक्ति (जेटली) को लाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में जवाब नहीं दे रहे हैं और 'मेघनाथ की तरह जेटली के पीछे रहे हैं।

रॉय ने सवाल किया कि पहले 126 विमान खरीदने का फैसला हुआ था, लेकिन विमानों की संख्या 36 क्यों की गई? एचएएल को ऑफसेट कांट्रेक्ट क्यों नहीं दिया गया? बीजू जनता दल (बीजद) के कलिकेश नारायण सिंह देव ने कहा कि कतर ने यही विमान भारत की तुलना में कम कीमत में खरीदा है, इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए।
  
उन्होंने कहा कि सभी चाहते हैं कि राफेल सौदे को लेकर जो संदेह है, उसे दूर किया जाना चाहिए। कोई नहीं चाहता कि यह सौदा रद्द हो। देव ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रक्षा सौदों से हमारे सेना का नुकसान होता है और राजनीतिक दलों का फायदा होता है।

तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के जयदेव गल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री 'मेक इन इंडिया की बात करते हैं, लेकिन राफेल विमान पूरी तरह से फ्रांस में बन रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इस मामले में सीधा जवाब देना चाहिए और मामले की जांच के लिए संयुक्त प्रवर समिति बननी चाहिए। माकपा के मोहम्मद सलीम ने आरोप लगाया कि राफेल से जुड़े नये सौदे में एक एक विमान की कीमत को 47 प्रतिशत बढ़ाया गया । इस मामले में उच्चतम न्यायालय में गलत हलफनामा दिया गया । इस मामले में जेपीसी का गठन किया जाना चाहिए। 

राकांपा के धनंजय महादिक ने कहा कि इस सौदे को लेकर सरकार के सहयोगी शिवसेना ने भी संदह जाहिर किया है। पूरे देश में सौदे को लेकर संशय है । इन्हें दूर करने के लिये जेपीसी का गठन किया जाना चाहिए। चर्चा के दौरान अन्नाद्रमुक के एक सदस्य सदन के अधिकारियों के लिये निर्धारित कुर्सी पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे, वहीं पार्टी के कुछ अन्य सदस्य कागज फाड़कर फेंकने लगे। इसके बाद सदन की कार्यवाही करीब 15 मिनट के लिये स्थगित कर दी गई। 

पांच बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ने अन्नाद्रमुक के कई सदस्यों को पांच कामकाजी दिवस तक सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया । इसके बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई । 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें