मुंगेर की घटना हिंदुत्व पर हमला, यही महाराष्ट्र और बंगाल में होता तो... जानें संजय राउत ने BJP पर कैसे बोला हमला
बिहार के मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा पर सियासत जारी है। सोमवार रात देवी दुर्गा की मूर्ति विर्सजन को लेकर झड़प के दौरान कथित तौर पर हुई पुलिस की गोलीबारी में एक युवक की हुई...
बिहार के मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा पर सियासत जारी है। सोमवार रात देवी दुर्गा की मूर्ति विर्सजन को लेकर झड़प के दौरान कथित तौर पर हुई पुलिस की गोलीबारी में एक युवक की हुई मौत पर बवाल इस कदर बढ़ा कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित शहर में अन्य स्थानों पर जमकर तोड़फोड़ की गई और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। मुंगेर में फायरिंग की घटना को शिवसेना ने हिन्दुत्व पर हमला बताया है। संजय राउत ने बिहार के राज्यपाल और भाजपा नेताओं से पूछा है कि वे लोग क्यों नहीं सवाल उठा रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शिसेना नेता संजय राउत ने कहा, मुंगेर गोलीबारी की घटना हिंदुत्व पर हमला है। अगर ऐसी घटना महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल या राजस्थान में होती, तो राज्यपाल और भाजपा नेता राष्ट्रपति शासन की मांग करते। तो फिर बिहार के राज्यपाल और भाजपा नेता सवाल क्यों नहीं उठा रहे हैं?।
Munger firing incident is an attack on Hindutva. If such an incident were to happen in Maharashtra, West Bengal or Rajasthan, governors & BJP leaders would have demanded President's rule. So, why is Bihar governor & BJP leaders not raising questions?: Shiv Sena leader Sanjay Raut pic.twitter.com/OJjdSjzk32
— ANI (@ANI) October 30, 2020
बता दें कि मुंगेर की घटना के बाद निर्वाचन आयोग ने मुंगेर के जिलाधिकारी राजेश मीणा और पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह को तत्काल हटाने का आदेश दिया है और मगध प्रमंडल के आयुक्त असंगबा चुबा एओ को पूरे मामले की जांच करने के लिये कहा है। अपर निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि मौजूदा स्थिति के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने इन दोनों अधिकारियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि आयोग ने मगध प्रमंडल के आयुक्त असंगबा चुबा एओ को पूरी घटना की जांच कर अगले सात दिनों में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
मुंगेर हिंसा पर CISF रिपोर्ट, पुलिस फायरिंग में गई थी युवक की जान
क्या हुआ था उस दिन
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के एक दिन पहले मुंगेर जिले के कोतवाली थाना अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय चौक पर सोमवार देर रात देवी दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई गोलीबारी और पथराव में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस द्वारा की गयी गोलीबारी में 20 साल के युवक की मौत हो गयी थी। इस बारे में मुंगेर के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने कहा था कि वह भीड़ के बीच से किसी के द्वारा चलाई गई गोली से मारा गया था।
पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने कहा था, 'कुछ असामाजिक तत्वों ने दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान पथराव किया, जिसमें 20 जवान घायल हो गए। भीड़ की तरफ से गोलीबारी भी की गई जिसमें दुर्भाग्य से एक व्यक्ति की मौत हो गई।' घटना के एक कथित वीडियो में सुरक्षाकर्मियों को विसर्जन जुलूस में लोगों के एक समूह पर लाठीचार्ज करते दिखाया गया था। साथ ही सोशल मीडिया पर एक विचलित करने वाली तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें इस घटना में कथित तौर पर पुलिस की गोलीबारी में मारे गए व्यक्ति को उसकी खोपड़ी के खुले हिस्से के साथ जमीन पर पड़ा दिखाया गया था।
मुंगेर घटना पर सीआईएसएफ की रिपोर्ट में क्या आया
मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा पर सीआईएसएफ रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं। इनमें पूरे मामले को सम्भालने के दौरान पुलिस से हुई भारी चूक की ओर इशारा किया गया है। यह भी साफ हुआ है कि उपद्रव के दौरान युवक की मौत पुलिस की फायरिंग से हुई थी। गौरतलब है कि इस मामले में पूर्व एसपी लिपि सिंह ने दावा किया था कि उपद्रव कर रहे लोगों की ही गोली से युवक की जान गई थी।
सीआईएसएफ की रिपोर्ट के मुताबिक 26 अक्तूबर की रात 11:20 बजे CISF के 20 जवानों की टुकड़ी मूर्ति विसर्जन के दौरान सुरक्षा ड्यूटी के लिए जिला स्कूल स्थित कैंप से गई थी। बिहार पुलिस के मार्गदर्शन में इन 20 जवानों को 10-10 की दो टुकड़ी में बांट दिया गया। एक टुकड़ी को एसएसबी और बिहार पुलिस के जवानों के साथ दीनदयाल उपाध्याय चौक पर तैनात किया गया था। रात 11:45 बजे श्रद्धालुओं और स्थानीय पुलिस के बीच विवाद होने लगा। देखते ही देखते माहौल काफी गर्म हो गया। वहां पुलिस और सुरक्षाबलों पर पथराव होने लगा। इसके बाद पुलिस ने हवाई फायरिंग की। इस पर भीड़ और भड़क गई और तेजी से पत्थरबाजी करने लगी। '