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भारत से बातचीत को घुटनों पर पाकिस्तान, इस इस्लामिक देश से शहबाज शरीफ ने लगाई मदद की गुहार

शहबाज शरीफ ने भारत से बातचीत की अपील की है। यही नहीं उन्होंने इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात से कहा है कि वह दोनों देशों को करीब लाने में अहम भूमिका अदा कर सकता है। हम एक नया युद्ध नहीं चाहते।

भारत से बातचीत को घुटनों पर पाकिस्तान, इस इस्लामिक देश से शहबाज शरीफ ने लगाई मदद की गुहार
Surya Prakashलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीTue, 17 Jan 2023 12:22 PM

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पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने भारत से तीन युद्ध लड़कर सबक पाने की बात कही है। उन्होंने अल-अरबिया न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि हमने तीन युद्ध लड़े हैं और बहुत सबक सीखे हैं। उन्होंने भारत से वार्ता की अपील की है। उन्होंने कहा कि मैं पीएम नरेंद्र मोदी से अपील करता हूं कि वे पाकिस्तान से बातचीत को गंभीरता से लें और कश्मीर समेत अहम मुद्दों पर चर्चा करें। यही नहीं उन्होंने इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात से गुहार लगाई कि वह भारत और पाकिस्तान को वार्ता की मेज पर लाने में अहम रोल अदा कर सकता है। 

इंटरव्यू में शहबाज शरीफ ने कहा, 'भारत के नेतृत्व और पीएम नरेंद्र मोदी को मेरा संदेश है कि वार्ता की मेज पर आएं। गंभीर मुद्दों पर चर्चा करें और कश्मीर जैसे मसलों का हल निकाला जाए।' हालांकि इस दौरान शहबाज शरीफ ने कश्मीर का राग भी अलापा और कहा कि वहां आए दिन मानवाधिकारों के उल्लंघन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया को यह संदेश देना चाहिए कि वह बातचीत के लिए तैयार है। इस इंटरव्यू में शहबाज शरीफ ने कई बार पीएम नरेंद्र मोदी का जिक्र किया और नरम तेवर में नजर आए।

परमाणु हथियारों पर बोले- शायद कोई बताने को भी न बचे कि क्या हुआ

अकसर भारत को परमाणु युद्ध की घुड़की देने वाले पाकिस्तान का यह रवैया बता रहा है कि वह कितना नरम पड़ चुका है। गहरे आर्थिक संकट और दिवालिया होने की कगार पर पहुंचे पाकिस्तान की इस नरमी को उसकी कमजोर आर्थिक स्थिति से तुलना की जा रही है। शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत और पाकिस्तान पड़ोसी देश हैं और हमें साथ ही रहना होगा। शरीफ ने कहा कि हम दोनों देश न्यूक्लियर पावर हैं औऱ यदि गलती से भी इनका इस्तेमाल हुआ तो कोई यह बताने के लिए भी शायद ही बचे कि आखिर क्या हुआ था।

हथियारों पर संसाधनों को खर्च करना ठीक नहीं, गरीबी बड़ा संकट

शहबाज शरीफ ने कहा, 'यह हमारे ऊपर है कि हम आपस में शांति से रहें या फिर एक-दूसरे से लड़ते ही रहें। हम भात के साथ तीन जंगें लड़ चुके हैं। इससे गरीबी और बेरोजगारी में इजाफा ही हुआ है। हमने इससे बहुत सबक सीखे हैं और शांति के साथ ही रहना चाहते हैं। हम गरीबी को समाप्त करना चाहते हैं और लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार मुहैया कराने पर फोकस है। हमें अपने संसाधनों का इस्तेमाल बम और हथियारों की खरीद पर नहीं करना चाहिए। यह मेरा पीएम नरेंद्र मोदी को संदेश है।'

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