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हिंदी न्यूज़ देशबाद में शांति की असली ताकत बन गए थे मुशर्रफ... शशि थरूर ने तानाशाह को यूं किया याद

बाद में शांति की असली ताकत बन गए थे मुशर्रफ... शशि थरूर ने तानाशाह को यूं किया याद

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने परवेज मुशर्रफ को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा है कि बाद में परवेज मुशर्रफ शांति के लिए असली ताकत बन गए थे।

बाद में शांति की असली ताकत बन गए थे मुशर्रफ... शशि थरूर ने तानाशाह को यूं किया याद
Ankit Ojhaएजेंसियां,नई दिल्लीSun, 05 Feb 2023 02:22 PM

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल (रिटायर्ड) परवेज मुशर्रफ के निधन पर रविवार को शोक जताते हुए कहा कि ''कभी भारत के कट्टर दुश्मन रहे मुशर्रफ 2002 से 2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे'' मुशर्रफ का रविवार को दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। थरूर ने ट्वीट किया, ''पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का एक दुर्लभ बीमारी के कारण निधन हो गया : कभी भारत के कट्टर शत्रु रहे वह 2002-2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे।''

 पूर्व विदेश राज्य मंत्री थरूर ने कहा, ''मैंने संयुक्त राष्ट्र में उन दिनों उनसे हर साल मुलाकात की थी और उन्हें चतुर तथा अपने कूटनीतिक विचारों में स्पष्ट पाया था। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें।'बता दें कि मुशर्रफ 79 साल के थे। वहीं जनरल परवेज मुशर्रफ ही करगिल युद्ध के जिम्मेदार थे। इन दिनों वह एमलॉयडोसिस नाम की बीमारी से पीड़ित थे। उनके शरीर में एमिलॉयड नाम का प्रोटीन बनता था। 

जनरल परवेज मुशर्रफ ने उस वक्त की नवाज शरीफ सरकार को भी अंधेरे में रखकर भारत से युद्ध लड़ने का प्लान बना लिया था। उन्हें अंदाजा नहीं था कि भारत से लोहा लेकर उन्हें इस तरह का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। नवाज शरीफ ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के साथ शांति समझौते पर साइन किए थे। वहीं मुशर्रफ ने करगिल में युद्ध छेड़ दिया। पाकिस्तानी सरकार को इसकी जानकारी काफी बाद में लगी। 1999 में मुशर्रफ ने तख्तापलट करके शरीफ को हटा दिया। 

1999 से 2008 तक वह पाकिस्तान के शासक थे। 2002 में हुए आम चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की। हालांकि कहा जाता है कि उन्होंने चुनाव में धांधली करवाई थी। इसके बाद 2008 में उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। 2013 में उनपर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया और एक विशेष अदालत ने 2019 में मौत की सजा सुनाई।