शाहरूख खान की NGO ''मीर'' को मिला FCRA लाइसेंस, अब विदेश से भी मिल सकेगी डोनेशन
शाहरूख खान की फाउंडेशन मीर को गृह मंत्रालय की तरफ से पांच साल के लिए FCRA लाइसेंस दिया गया है। अब यह संस्था विदेश से भी डोनेशन प्राप्त कर सकती है। संस्था एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं के लिए काम करती है

गृह मंत्रालय ने शाहरूख खान की संस्था ''मीर फाउंडेशन" को विदेशी योगदान पंजीकरण अधिनियम (FCRA) लाइसेंस दिया है। यह लाइसेंस पांच साल के लिए दिया गया है। इसके मिलने से अब संस्था विदेश से भी अनुदान (डोनेशन) प्राप्त कर सकेगी। इस साल लगभग 175 संस्थाओं को FCRA लाइसेंस दिया गया है। इसमें मेरीकॅाम की संस्था मेरीकॅाम रीजनल बॅाक्सिंग फाउंडेशन भी शामिल है।
एसिड एटैक से पीड़ित महिलाओं के लिए करती है काम
शाहरूख ने साल 2013 में 'मीर फाउंडेशन' की शुरूआत की थी। यह संस्था एसिड एटैक का शिकार हुई महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करती है। अपनी वेबसाइट के अनुसार, यह फाउंडेशन महिलाओं को सशक्त बनाने और समाज को एक साथ लाने के लिए कई मोर्चों पर काम करती है। FCRA लाइसेंस मिलने के बाद अब संस्था विदेश से भी डोनेशन प्राप्त कर सकेगी।
किन संस्थाओं को मिलता है यह लाइसेंस
संस्थाओं को FCRA लाइसेंस देने का काम गृह मंत्रालय करता है। गृह मंत्रालय के अनुसार कोई भी संस्था जो सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षिक, धार्मिक या सामाजिक उद्देश्य के लिए काम कर रही है, वो इसके लिए आवेदन कर सकती है। इसके बाद मंत्रालय अपने नियमों के आधार पर तय करता है कि किस संस्था को यह लाइसेंस उपलब्ध कराया जाएगा। यह पाँच साल के लिए दिया जाता है। हालांकि विदेशी फंडिंग का दुरूपयोग या कोई भी गैर कानूनी काम करते हुए पकड़े जाने पर इसे बीच में ही रद्द किया जा सकता है।
इन संस्थाओं के लाइसेंस रद्द हो चुके हैं
2020 में FCRA के नियमों में बदलाव लाया गया। इसके बाद ये नियम पहले से और ज्यादा सख्त किए गए। कई जानी मानी संस्थाएं जैसे राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चेरिटेबल ट्रस्ट और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च सहित लगभग 100 से ज्यादा एनजीओ के लाइसेंस को इन नियमों के उल्लंघन के आरोप में रद्द कर दिया गया। गृह मंत्रालय के अनुसार, एनजीओ द्वारा विदेशी फंड का कोई भी दुरुपयोग या डायवर्जन FCRA अधिनियम का उल्लंघन माना जाता है।