कर्नाटक की सीनियर IPS अधिकारी डी रूपा ने ट्विटर से लिया ब्रेक, पटाखा बैन को लेकर आई थीं चर्चा में
कर्नाटक की प्रमुख सचिव गृह और आईपीएस डी रूपा ने ट्विटर से ब्रेक ले लिया है। पटाखा बैन को लेकर डी रूपा ने एक ट्वीट किया था जिसके बाद वो ट्रोल हो गईं थीं। जिसके बाद अब रूपा ने ट्विटर से ब्रेक लेने का...
कर्नाटक की प्रमुख सचिव गृह और आईपीएस डी रूपा ने ट्विटर से ब्रेक ले लिया है। पटाखा बैन को लेकर डी रूपा ने एक ट्वीट किया था जिसके बाद वो ट्रोल हो गईं थीं। जिसके बाद अब रूपा ने ट्विटर से ब्रेक लेने का फैसला किया है। रूपा ने लिखा है कि सरकारी कर्मी होने की वजह से ट्रोल्स को उनकी भाषा में जवाब नहीं दे सकती हूं।
रूपा की ओर से पटाखा को लेकर किए गए ट्वीट का मामला शनिवार को तब और गरमा गया जब पत्रकार मोहनदास पाई के ने सीनियर आईपीएस के खिलाफ एक आर्टिकल लिखा। शनिवार को रूपा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि मेरे ऊपर दबाव बनाने के लिए मेरे खिलाफ हैशटैग चलाए गए। सब अच्छे से जानते थे कि मैं बतौर सरकारी कर्मचारी ट्रोल्स को उनकी भाषा में जवाब नहीं दे सकती। आप बताइए ट्विटर पर ज्यादा पावरफुल कौन है?
To keep the pressure on me,there was a hashtag created against me, knowing fully well tht, I, in my capacity as govt servant can't get back to trolls including celebrity-trolls in same irresponsible language they use. Now tell me who is more powerful on twitter @TVMohandasPai T16 https://t.co/C9fbamqWGN
— D Roopa IPS (@D_Roopa_IPS) November 21, 2020
ट्विटर से ब्रेक लेने से पहले रूपा ने एक और ट्वीट किया और कहा कि ब्रेक लेने से पहले मैं उन सिलेब्रिटीज के लिए ये वीडियो शेयर कर रही हूं जो मेरे बारे में बिना कुछ जाने बोलते हैं। यह हिंदी में है, साउथ इंडियन होने के बावजूद मैंने दूरदर्शन देखकर सीखा था।
Before I go on a twitter break, for those celebrities who know less abt me but speak about me without knowing me, I'm sharing this link in your own language Hindi, which I learnt from watching Doordarshan, with its accent too, being a South Indian.https://t.co/UpuGgssbyj
— D Roopa IPS (@D_Roopa_IPS) November 21, 2020
क्या था मामला?
दरअसल, दिवाली से पहले पटाखा बैन को लेकर रूपा की @TrueIndology नाम के ट्विटर यूजर से बहस हो गई थी। डी रूपा का मानना था कि पटाखे दिवाली से जुड़ी रीति-रिवाजों का हिस्सा नहीं रहे और आतिशबाजी का जन्म 15वीं शताब्दी में हुआ, इसलिए इस पर बैन को सकारात्मक रूप में लेना चाहिए। वहीं, ट्विटर यूजर ने रूपा के दावे का विरोध किया और उदाहरण देते हुए यह बताने का प्रयास किया कि आतिशबाजी दिवाली का हिस्सा रहा है। दोनों के बीच में बहस इस हद तक पहुंच गया कि ट्विटर ने @TrueIndology को सस्पेंड कर दिया।