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कोविड हॉटस्पॉट के 100% नमूनों को जांच के लिए भेजें, ओमिक्रॉन के खौफ के बीच केंद्र ने राज्यों को दिए निर्देश

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनियाभर में एक बार फिर से दहशत फैला दी है। यूं तो स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि देश में अभी तक इस वैरिएंट का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है लेकिन डेल्टा...

कोविड हॉटस्पॉट के 100% नमूनों को जांच के लिए भेजें, ओमिक्रॉन के खौफ के बीच केंद्र ने राज्यों को दिए निर्देश
एजेंसियां,नई दिल्लीWed, 01 Dec 2021 08:47 AM
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कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनियाभर में एक बार फिर से दहशत फैला दी है। यूं तो स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि देश में अभी तक इस वैरिएंट का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है लेकिन डेल्टा वैरिएंट से मची तबाही के मद्देनजर केंद्र सरकार इस बार किसी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। आज से एयरपोर्ट पर जहां नई गाइडलाइंस लागू की जा रही हैं तो वहीं, केंद्र सरकार ने राज्यों को भी निर्देश दिए हैं कि वे कोविड हॉटस्पॉट के 100 फीसदी सैंपलों को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजें ताकि ओमिक्रॉन वैरिएंट का तुरंत पता लगाया जा सके।

मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय रिव्यू मीटिंग हुई। इस दौरान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई कि वे कोविड हॉटस्पॉट इलाकों के 100 फीसदी सैंपलों को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए मान्यता प्राप्त INSACOG लैब में भेजें। इससे पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए सिर्फ पांच फीसदी नमूनों को ही जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा था।

केंद्र ने यह भी रेखांकित किया कि ऐसा नहीं है कि सार्स-सीओवी-2 का ओमिक्रॉन स्वरूप आरटी-पीसीआर और आरएटी जांच की पकड़ में नहीं आता। हॉटस्पॉट वह स्थान होता है जहां अधिक संख्या में कोविड-19 के मामले सामने आते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को संसद में कहा कि अभी तक देश में कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमिक्रॉन का कोई मामला सामने नहीं आया है और सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है कि यह देश में नहीं पहुंचे। 

अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एक दिसंबर से लागू होने वाले नए दिशा-निर्देशों का सुचारू रूप से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करने की सलाह दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा 'चिंताजनक स्वरूप' के रूप में वर्णित ओमिक्रॉन के 14 से ज्यादा देशों में मामले आ चुके हैं। 

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि मंत्रालय के संशोधित दिशानिर्देशों और अंतरराष्ट्रीय यात्रा परामर्श को राज्यों के साथ साझा किया गया है। भूषण ने राज्यों को सलाह दी कि वे अपने बचाव उपायों को कम न करें और विभिन्न हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमापार बिंदुओं से देश में आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखें। भूषण ने इस बात पर जोर दिया कि ''जोखिम वाले'' देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और विशिष्ट श्रेणी के यात्रियों के नमूने की पहले दिन और आठवें दिन जांच ईमानदारी से की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ''जोखिम वाले'' देशों के अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को आरटी-पीसीआर की जांच रिपोर्ट उपलब्ध होने तक हवाई अड्डों पर इंतजार करने की तैयारी करने की सलाह दी जा रही है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने बताया कि ऐसा नहीं है कि ओमिक्रॉन स्वरूप आरटी-पीसीआर और आरएटी जांच की पकड़ में नहीं आता और इसलिए, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी मामले की शीघ्र पहचान के लिए जांच तेज करें। 

इस बीच, केंद्र ने राष्ट्रव्यापी कोविड-19 रोकथाम उपायों को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी 25 नवंबर की सलाह का सख्ती से पालन करने के लिए कहा है। भल्ला ने यह भी कहा कि विदेश से आए यात्रियों के संपर्कों का स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार पता लगाना चाहिए और जांच करनी चाहिए। नमूनों के संक्रमित पाए जाने पर जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकोग) मार्गदर्शन दस्तावेज के अनुसार, नामित जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला में यात्रियों के नमूने तुरंत भेजे जाने चाहिए। 

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