भारत में जल्द शुरू होगी सी प्लेन सर्विस, जानें- क्या हैं इसकी खासियत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साबरमती नदी से सीप्लेन में सवार होकर मेहसाना जिले के धरोई बांध के लिए मंगलवार सुबह उड़ान भरी और फिर सड़क मार्ग से बनासकांठा जिले गए जहां उन्होंने प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर में...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साबरमती नदी से सीप्लेन में सवार होकर मेहसाना जिले के धरोई बांध के लिए मंगलवार सुबह उड़ान भरी और फिर सड़क मार्ग से बनासकांठा जिले गए जहां उन्होंने प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर में आज पूजा—अर्चना की। गुजरात विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है। सी प्लेन के बारे में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि इससे देश के परिवहन क्षेत्र में क्रांति आएगी। भारत में सी प्लेन सर्विस भी शुरू होने वाली है। स्पाइसजेट 100 सी प्लेन खरीदने की योजना बना रही है। आइए, हम आपको बताते हैं कि सी प्लेन की क्या है खासियतें...
सी प्लेन की खासियत-
-सी प्लेन जमीन के साथ-साथ पानी में कर सकता है टेक ऑफ और लैंड
-इस प्लेन की कीमत काफी कम होती है।
-12 सीटों वाले सी प्लेन की कीमत 12-13 करोड़ रुपए
-एक फुट गहराई वाले पानी में भी कर सकता है लैंड
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स्पाइसजेट खरीदेगा 100 सीप्लेन
स्पाइसजेट 100 सीप्लेन खरीदने की योजना बना रहा है। इसके लिए स्पाइसजेट 400 मिलियन डॉलर की खर्च करेगा। इसके साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि वह सीप्लेन भारत में एक साल के भीतर शुरू कर देगा। सी प्लेन के दूसरे चरण के परीक्षण हालही में गिरगाम चौपाटी में किया गया। यह परीक्षण उड़ान स्पाइस जेट द्वारा किया गया, इसमें जापान की कंपनी सेतोउची के दस—सीट वाले काडियाक क्वेस्ट-1000 सीप्लेन का इस्तेमाल किया गया।
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परिवहन मंत्री की घोषणा-
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इससे देश के परिवहन क्षेत्र में क्रांति आएगी। यह हमारे देश के परिवहन क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति है। बता दें, गडकरी 9 दिसंबर को मुंबई तट पर गिरगाम चौपाटी पर सी—प्लेन की परीक्षण उड़ान पर सवार हुए थे। गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय और नागर विमानन मंत्रालय इस तरह के परिवहन के तरीके पर कनाडा, अमेरिका और जापान की तर्ज पर नियमन बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि देश में पांच लाख से अधिक जलाशय और नदी, नहरें आदि हैं। इनमें से 111 नदियों को अंतर्देशिय जलमार्गों में बदला गया है जिनका इस्तेमाल पहले चरण में परिवहन के लिए हो सकता है।