शर्मनाक: सड़क दुर्घटना में मरे पत्रकार का शव कूड़ा उठानेवाली गाड़ी में ले गई पुलिस
संवेदनहीन पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। कर्नाटक पुलिस ने सड़क दुर्घटना में मारे गए एक प्राइवेट टीवी चैनल के साथ जिस तरह से संवेदनहीनता दिखाई है उसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। जिस...
संवेदनहीन पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। कर्नाटक पुलिस ने सड़क दुर्घटना में मारे गए एक प्राइवेट टीवी चैनल के साथ जिस तरह से संवेदनहीनता दिखाई है उसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। जिस गाड़ी का इस्तेमाल सफाई कर्मचारी शहर का कचरा उठाने के लिए करते हैं उसी कूड़ेवाली गाड़ी में पुलिस वालों ने पत्रकार के शव को अस्पताल ले गई।
रोड एक्सीडेंट में मारे गए पत्रकार की पहचान मौनेश पोथराज के रूप में हुई है जो एक जिसी टीवी चैनल पर कार्यरत थे। घटना रविवार सुबह की है। पुलिस ने बताया कि वह हादसे के वक्त सिरसी से कोवरी आ रहे थे। तभी उनकी मोटरसाइकि अनियंत्रित होकर एक पेड़ से टकरा गई। इससे मौनेश की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस जब मौके पर पहुंची तो उनके शव को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाने की बजाए कूड़ा उठाने वाली गाड़ी में ही रखकर ले गए। कूड़ा उठाने वाली यह गाड़ी ट्रैक्टर था। इसकी ट्रॉली में पत्रकार का शव और मोटरसाइकिल को रखकर ले जाया गया।
मामले में जब इलाके एसपी के परशुराम से सवाल किया गया तो उन्होंने अपने महकमे की करतूत का बचाव करते हुए कहा कि उस वक्त मौके पर कोई दूसरा वाहन मौजूद नहीं था इसीलिए पुलिसवालों ने ऐसा किया।
लेकिन जब पूछा गया कि शव को ले जाने के लिए पुलिस की जीप का इस्तेमाल क्यों नहीं तो वह इस पर कुछ भी जवाब नहीं दे पाए। वहीं पत्रकार के बड़े भाई मेडादेव ने मीडिया को बताया कि उनके भाई के शव को शिर्फ कूड़ा उठाने की गाड़ी में नहीं ले जाया गया बल्कि पोस्टमार्टम के लिए भी शव को कई घंटों तक 700 रुपए की घूस के लिए रोके रखा गया।