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केंद्र को यूनीटेक का प्रबंधन लेने के आदेश पर SC की रोक

सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला लेते हुए कंपनी कानून न्यायाधिकरण के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें केंद्र को रियल्टी फर्म यूनीटेक का प्रबंधन अपने हाथ में लेने की अनुमति दी गई थी। सीजेआई दीपक मिश्रा, एएम...

केंद्र को यूनीटेक का प्रबंधन लेने के आदेश पर SC की रोक
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 13 Dec 2017 08:00 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला लेते हुए कंपनी कानून न्यायाधिकरण के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें केंद्र को रियल्टी फर्म यूनीटेक का प्रबंधन अपने हाथ में लेने की अनुमति दी गई थी। सीजेआई दीपक मिश्रा, एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के इस बयान पर विचार किया कि जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है तब सरकार को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) नहीं जाना चाहिए था।

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के एनसीएलटी में जाने पर मंगलवार को अपनी नाखुशी जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा था कि एनसीएलटी के आदेश पर रोक न्याय के हित में है। पीठ ने केंद्र से सवाल किया था कि यूनीटेक के निदेशकों को निलंबित करने तथा उनकी जगह सरकार के प्रतिनिधियों को नामित करने के लिए एनसीएलटी में जाने के वास्ते उसने अनुमति क्यों नहीं ली। 

फर्म और उसके प्रोमोटरों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं मुकुल रोहतगी और रंजीत कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मकान खरीदने वालों का पैसा लौटाने के लिए 750 करोड़ रुपये की व्यवस्था करने के उद्देश्य से समस्त संपत्ति बेचने के लिए यूनिटेक के प्रमुख संजय चंद्रा को जेल से बातचीत का समय दिया था। लेकिन इसी बीच केंद्र ने एनसीएलटी से संपर्क कर लिया।

रोहतगी ने दावा किया था कि एनसीएलटी ने कंपनी और उसके निदेशकों को कोई नोटिस नही दिया और उनका पक्ष जाने बगैर ही अंतरिम आदेश दे दिया जो की एक तरह से अंतिम आदेश है। एनसीएलटी ने केंद्र को फर्म का प्रबंधन अपने हाथ में लेने की अनुमति दे दी।

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