सख्तीः गौ रक्षकों पर लगाम के लिए जिला स्तर पर नियुक्त हों पुलिस अधिकारः सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 22 राज्यों के मुख्य सचिवों से कथित गौरक्षक समूहों से कड़ाई से निपटने का तंत्र बनाने के उसके आदेश के अनुरूप अनुपालन रिपोर्ट दायर करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि कोई भी अपनी जिम्मेदारियों...
सुप्रीम कोर्ट ने 22 राज्यों के मुख्य सचिवों से कथित गौरक्षक समूहों से कड़ाई से निपटने का तंत्र बनाने के उसके आदेश के अनुरूप अनुपालन रिपोर्ट दायर करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि कोई भी अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भाग सकता। इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा गौ रक्षा समूहों की ओर से हिंसा में मारे गए लोगों को सरकार मुआवजा दे। साथ ही कोर्ट ने गौ रक्षकों के हिंसा को रोकने के लिए जिला स्तर पर पुलिस अधिकारी नियुक्त करने को भी कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि छह सितंबर को सभी 29 राज्यों और सात केन्द्र शासित प्रदेशों को गाय की रक्षा के नाम पर हिंसा रोकने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया था और उनसे इस तरह के रक्षक समूहों पर नजर रखने के लिए एक सप्ताह के भीतर हर जिले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा था।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, अनुपालन रिपोर्ट सौंपिए़़। कोई भी अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकता। हम सभी राज्यों को निर्देश देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे। पीठ को संक्षिप्त सुनवाई के दौरान जानकारी दी गई कि पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, कनार्टक, झारखंड, राजस्थान और गुजरात अपने अनुपालन हलफनामे दायर कर चुके हैं और बिहार एवं महाराष्ट्र इसे दायर कर देंगे।
इसके बाद पीठ ने बाकी 22 राज्यों के वकीलों से 13 अक्तूबर तक अनुपालन रिपोर्ट दायर करने को कहा और जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 31 अक्तूबर की तारीख तय की। इसमें एक याचिका महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की है।