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इन्दु मल्होत्रा की नियुक्ति के वारंट पर रोक से SC का इनकार, याचिका को बताया अकल्पनीय

सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दु मल्होत्रा की शीर्ष अदालत के जज पद पर नियुक्ति संबंधी वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को अकल्पनीय बताया और कहा कि ऐसा कभी सुना...

इन्दु मल्होत्रा की नियुक्ति के वारंट पर रोक से SC का इनकार, याचिका को बताया अकल्पनीय
विशेष संवाददाता। नई दिल्लीFri, 27 Apr 2018 01:02 AM
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सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दु मल्होत्रा की शीर्ष अदालत के जज पद पर नियुक्ति संबंधी वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को अकल्पनीय बताया और कहा कि ऐसा कभी सुना नहीं गया।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, एएम खानविलकर और डीवाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय पीठ ने इन्दु मल्होत्रा को शीर्ष अदालत के जज के पद की शपथ नहीं दिलाने संबंधी वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दिरा जयसिंह के आग्रह पर कड़ा रूख अपनाया। पीठ ने जयसिंह के इस आग्रह पर भी नाराजगी व्यक्त की कि उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ को भी शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त करने का केन्द्र को निर्देश दिया जाए। पीठ ने जयसिंह से सवाल किया, यह किस तरह का आग्रह है। यह केन्द्र का अधिकार है कि वह पुन: विचार के लिए सिफारिश वापस भेजे। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, मान लीजिये सरकार इसे पुन: विचार के लिए लौटा रही है, इस पर गौर किया जाएगा। आप कह रही हैं वारंट पर रोक लगाई जाए। ऐसा सोचा भी नहीं जा सकता, यह अकल्पनीय है और ऐसा पहले कभी नहीं सुना है। 

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दोनों नामों की सिफारिश करनी चाहिए थी
जयसिंह ने जोसेफ और मल्होत्रा के नामों को अलग करने के केन्द्र के निर्णय का जिक्र किया और कहा कि ऐसा नहीं किया जा सकता। सरकार को दोनों नामों की सिफारिश करनी चाहिए थी या अस्वीकार करना चाहिए था। या मुख्य न्यायाधीश से पूछना चाहिए था। पीठ ने कहा, ऐसा नहीं होता, कई बार देखा गया है कि हाईकोर्ट के जजों के लिए 30-30 नाम जाते हैं और मंजूरी कुछ को ही मिलती है। ऐसा में क्या हम यह कहें कि जब तक सबका नाम क्लीयर नहीं होगा मंजूर की गई नियुक्तियां नहीं की जाएंगी। यह नहीं हो सकता। संवैधानिक शुचिता की मांग है कि इन्दु मल्होत्रा की नियुक्ति के वारंट पर अमल किया जाए। 

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मामला अल्पमत और बहुमत का नहीं 
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह यह सुनकर हतप्रभ है कि बार की एक सदस्य को न्यायाधीश नियुक्त किया जा रहा है और अपराह्न दो बजे वकीलों का समूह नियुक्ति के वारंट पर रोक लगाने के लिए इसका उल्लेख कर रहा है। जयसिंह ने कहा कि वह नियुक्ति के वारंट पर रोक लगाने के अनुरोध पर जोर नहीं दे रही है और अपनी पसंद के न्यायाधीशों को चुनने के वृहद मुद्दे पर विचार करने का आग्रह कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को शीघ्र सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाए क्योंकि हम सभी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में सौ से ज्यादा वकीलों ने हस्ताक्षर किए हैं। पीठ ने कहा कि यह मामला अल्पमत और बहुमत का नहीं है। मामले को शीघ्र सूचीबद्ध नहीं किया जाएगा यह उचित समय पर ही आएगा। जस्टिस जोसेफ की फाइल पुन: विचार के लिए लौटाए जाने का मामला सामने आने पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सौ से अधिक वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश के समक्ष इसका उल्लेख किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र कॉलेजियम की  सिफारिशों में मनमर्जी से काम करके न्यायपालिका की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप कर रहा है। 

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