विस्थापितों का क्या होगा, घर वापस लाओ; मणिपुर हिंसा पर सख्त सुप्रीम कोर्ट का आदेश
मणिपुर हिंसा को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से विभिन्न सवालों पर जवाब मांगे हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विस्थापितों को लेकर भी सवाल पूछे।
मणिपुर हिंसा को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से विभिन्न सवालों पर जवाब मांगे हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विस्थापितों को लेकर भी सवाल पूछे और कहा कि उन्हें घर वापस लाया जाए। मामले में केंद्र और राज्य की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने शीर्ष कोर्ट को बताया कि सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मामला पूरी तरह से नियंत्रण में आने के बाद ही कोर्ट को आरक्षण पर बात करनी चाहिए। अब सु्प्रीम कोर्ट में याचिकाओं पर सुनवाई 17 मई को होगी।
एक हफ्ते बाद स्टेटस रिपोर्ट
सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच ने एसजी की दलीलों को रिकॉर्ड किया। उसने केंद्र और मणिपुर से रिलीफ कैंप, विस्थापितों के रिहैबिलिटेशन और धार्मिक स्थानों की सुरक्षा की बात कही। एक हफ्ते के बाद इस मामले में अपडेट स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार ने रिलीफ कैंपों और वहां उपलब्ध कराई जा रही है सुविधाओं की डिटेल मांगी है।
मणिपुर हाई कोर्ट के आदेश पर सवाल
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हाई कोर्ट के उस आदेश पर सवाल उठाया जिसमें राज्य सरकार को अनुसूचित जनजाति की सूची में मेइतेई समुदाय को शामिल करने की केंद्र से सिफारिश करने का निर्देश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा तात्कालिक लक्ष्य लोगों की सुरक्षा, बचाव और रिहैबिलिटेशन है। हम मौतों और सामानों के नुकसान को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित हैं। साथ ही यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष ये कार्यवाही राज्य को और अस्थिर करने का आधार नहीं बनना चाहिए।
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