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निकाह, तलाक, हलाला पर महिलाओं की राय जानेगी शरई कोर्ट

यूपी की पहली ‘महिला शरई कोर्ट’ अब निकाह, तलाक, हलाला और विरासत जैसे मुद्दों पर मुस्लिम ख्वातीन (महिलाएं) से उनकी राय लेगी। यह भी जानने की कोशिश करेगी कि विवाद की स्थितियों में उनमें इसे...

निकाह, तलाक, हलाला पर महिलाओं की राय जानेगी शरई कोर्ट
लाइव हिन्दुस्तान टीम,कानपुरSun, 22 Jul 2018 06:31 AM
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यूपी की पहली ‘महिला शरई कोर्ट’ अब निकाह, तलाक, हलाला और विरासत जैसे मुद्दों पर मुस्लिम ख्वातीन (महिलाएं) से उनकी राय लेगी। यह भी जानने की कोशिश करेगी कि विवाद की स्थितियों में उनमें इसे लेकर आक्रोश क्यों पैदा हो रहा है। अपेक्षा के अनुरूप इंसाफ मिल रहा है या नहीं। इसके बाद एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

मोहकम-ए-शरिया दारुल कजा ख्वातीन कोर्ट नाम से शहर के पटकापुर में इसकी स्थापना हो चुकी है। अगले सप्ताह उद्घाटन के बाद इसकी औपचारिक रूप से शुरुआत हो जाएगी। इसकी स्थापना ऑल इंडिया ख्वातीन बोर्ड और सरपरस्ती सुन्नी उलमा काउंसिल कर रही है। इन तंजीमों की राय पर मुस्लिम महिलाओं की सोच में हो रहे बदलाव को अब महिला दारुल कजा सर्वे से जानने की कोशिश करेगी। 

सर्वे करने वालों को देंगे ट्रेनिंग

रविवार को उन महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी जो दारुल कजा के लिए महिलाओं की राय जानेंगी। सर्वे की पूरी रूपरेखा ख्वातीन बोर्ड ने तैयार की है। इसमें घरेलू महिलाओं को शामिल किया जाएगा ताकि वे घरों के अलावा ऐसे समारोहों जहां महिलाएं समूह में हों, उनसे राय ले सकें। 

इन बिंदुओं पर ली जाएगी राय

जो बिंदु तैयार किए गए हैं, उनमें एक बार में तीन तलाक, तीन नशिस्त (एक-एक माह के अंतर पर तलाक कहना) में तलाक, तलाक की नौबत आने के कारण, ससुराल में मायके का दखल, ससुराल में सास-ससुर की खिदमत का दबाव, संयुक्त परिवार के कारण रिश्तों में दरार, विरासत में हिस्सेदारी मिली या नहीं, निकाह-तलाक, हलाला के बारे में शरई जानकारी है या नहीं, अगर है तो स्वयं हासिल की या किसी मदरसे आदि में, तलाक को लेकर आए दिन आने वाले फतवों और तलाक से जुड़ी विवादित घटनाओं के बारे में क्या सोचती हैं आदि सवालों के जवाब जाने जाएंगे। यह भी पूछा जाएगा कि क्या मजहबी लोग इसके बारे में सही जानकारियां दे रहे हैं।  

महिलाओं को जागरूक भी करेंगी

महिला शरई कोर्ट सर्वे के साथ महिलाओं को शरई मामलों की जानकारी भी देगी और उनके अधिकार भी बताएगी। उन्हें प्रतिकूल माहौल में महिला शरई कोर्ट से राब्ता करने और विवाद हल करने की सलाह भी दी जाएगी। 

किन बिंदुओं पर है विवाद

तलाक : तीन नशिस्त में तो तलाक हो जाता है लेकिन एक बार में तीन तलाक को लेकर मसलकी विवाद हैं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इसमें एक नया अध्याय जुड़ा है

हलाला : तलाक के बाद पति अपनी पूर्व पत्नी से निकाह तभी कर सकता है, जब उसकी पूर्व पत्नी की दूसरी शादी कहीं हुई हो और तलाक हो जाए। यदि ऐसा अरेंज करके किया गया तो उसे अरेंज हलाला कहा जाता है जिसे शरई ऐतबार से ठीक नहीं माना जाता। 

मुता और मिस्यार : दोनों ही कांट्रेक्ट मैरिज में आते हैं। इन पर भी सवाल उठाए गए हैं।

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