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अब कब बनेगी बात? संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक आज, सरकार के पास वार्ता का प्रस्ताव भेजेगा, ये होंंगी मांगें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों के रद्द करने की घोषणा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की जनरल बॉडी की अहम बैठक आज यानी रविवार सुबह 11 बजे होगी। बताते हैं कि मोर्चा की ओर से केंद्र सरकार के...

अब कब बनेगी बात? संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक आज, सरकार के पास वार्ता का प्रस्ताव भेजेगा, ये होंंगी मांगें
विशेष संवाददाता,नई दिल्लीSun, 21 Nov 2021 08:57 AM

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों के रद्द करने की घोषणा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की जनरल बॉडी की अहम बैठक आज यानी रविवार सुबह 11 बजे होगी। बताते हैं कि मोर्चा की ओर से केंद्र सरकार के पास वार्ता के लिए प्रस्ताव भेजा जा सकता है। प्रस्ताव में एमएसपी पर कानून बनाने, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने सहित कई मांगों को शामिल किया जा सकता है। मोर्चा का स्पष्ट मानना है कि संसद में तीनों कानून रद्द होने तक आंदोलन जारी रहेगा, लेकिन इसका स्वरूप बदल सकता है, इस पर अंतिम फैसला रविवार की बैठक में लिया जाएगा।

मोर्चा के नेताओं का कहना है कि संसद में कानून रद्द होने के बाद धरना स्थल पर बने रहना है अथवा नहीं, यह केंद्र सरकार से बातचीत और आश्वासन के बाद तय होगा। मोर्चा के लिए तीन कानून अब मुद्दा नहीं रहा, उनकी दूसरी अहम मांग एमएसपी पर कानून बनाना है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता धर्मेद्र मलिक का कहना है कि बैठक के बाद मोर्चा केंद्र सरकार के पास चर्चा के लिए प्रस्ताव भेज सकता है। सरकार के वार्ता के बाद आंदोलन का रुख तय होगा। 

वहीं, मोर्चा के वरिष्ठ नेता हन्ना मौला ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि जब तक कृषि कानून संवैधानिक प्रक्रिया के तहत रद्द नहीं होते हैं, हमारा आंदोलन चलता रहेगा। यह दीगर बात है कि आंदोलन के स्वरूप में बदलाव किया जा सकता है। इस पर अंतिम फैसला रविवार को मोर्चा की जनरल बॉडी की बैठक में लिया जाएगा।

‘2011 में मोदी ने एमएसपी पर कानून की वकालत की थी’
संयुक्त किसान मोर्चा के अभिमन्यु कोहाड ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि संसद में कानून रद्द होने तक तंबू, स्टेज, लंगर वहीं रहेंगे। मोर्चा की दूसरी प्रमुख मांग एमएसपी पर कानून बनाना है। उन्होंने बताया कि 2011 में बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कंज्यूमर अफेयर कमेटी के अध्यक्ष के नाते एमएसपी पर कानून बनाने की वकालत की थी। बगैर एमएसपी कानून के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो सकता है।

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