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'बीजेपी को हराएं' नारों के साथ यूपी में वोटरों के बीच जाएंगे राकेश टिकैत, बोले- उम्मीद है MSP का मुद्दा सुलझाएगी केंद्र

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) हमेशा से हमारा मुद्दा रहा है। टिकैत एक साल से अधिक समय से दिल्ली के गाजीपुर सीमा पर चल...

'बीजेपी को हराएं' नारों के साथ यूपी में वोटरों के बीच जाएंगे राकेश टिकैत, बोले- उम्मीद है MSP का मुद्दा सुलझाएगी केंद्र
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 25 Nov 2021 07:43 PM

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भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) हमेशा से हमारा मुद्दा रहा है। टिकैत एक साल से अधिक समय से दिल्ली के गाजीपुर सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। गुरुवार को हैदराबाद पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी से किसानों को मदद मिलेगी। इसके साथ-साथ टिकैत ने कहा कि वो 'बीजेपी को हराओ' के नारे के साथ यूपी के मतदाताओं के पास भी जाएंगे।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि एमएसपी हमेशा संयुक्त किसान मोर्चा का मुद्दा था। संयुक्त किसान मोर्चे में लभग 40 किसान संगठन संघ शामिल हैं। राकेश टिकैत ने कहा 'केंद्र के साथ 11 दौर के की चर्चा में हर बार हमने एमएसपी पर चर्ची की। हम इससे पीछे नहीं हट रहे हैं। सरकार को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना चाहिए और बातचीत शुरू करनी चाहिए।'

टिकैत ने आगे कहा कि हम बीजेपी हराओ नारे के साथ यूपी के मतदाताओं के पास जाएंगे। बेहतर होगा कि भारत सरकार और पीएम मोदी आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने से पहले इस मुद्दे को सुलझा लें। टिकैत ने यह भी कहा कि बीकेयू समर्थकों को दिल्ली सीमा पर धरना स्थल को खाली करने की अभी कोई योजना नहीं है। टिकैत ने यह भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चे की रणनीति बीजेपी को पराजित करना है। हम यह सुनिश्चित करेंगे उनको गांवों में बायकॉट का सामना करना पड़े और चुनाव प्रचार नहीं कर पाए। पश्चिम यूपी में यहर पहले से ही शुरू हो चुका है।

इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान किया। इन कानून को वापस लेने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को एक विधेयक को मंजूरी भी दे दी है और शीतकालीन सत्र के दौरान इसे संसद में पेश किया जाएगा। 

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