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साकीनाका रेप-मर्डर केसः दोषी मोहन चौहान को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा, बताया दुर्लभ मामला

साकीनाका रेप और मर्डर मामले में एक कोर्ट ने दोषी मोहन चौहन को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इसे दुर्लभ मामला बताया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में दोषी को कड़ी सजा देना जरूरी है।

साकीनाका रेप-मर्डर केसः दोषी मोहन चौहान को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा, बताया दुर्लभ मामला
Ankit Ojhaलाइव हिंदुस्तान,मुंबईThu, 02 Jun 2022 03:47 PM

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साकीनाका रेप और मर्डर मामले में एक कोर्ट ने दोषी मोहन चौहन को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इसे दुर्लभ मामला बताया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में दोषी को कड़ी सजा देना जरूरी है। राज्य सरकार ने कोर्ट से आरोपी को फंसी की सजा देने की मांग की थी। कोर्ट ने राज्य का निवेदन स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने  पीड़िता की आंत को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया था जिससे उसका पाचन तंत्र पूरी तरह खराब हो गया था।

प्राइवेट पार्ट में हथियार डाल की थी हत्या
आरोपी मोहन चौहान ने 32 साल की महिला के साथ अंधेरी के साकीनाका इलाके में दरिंदगी की हदें पार कर दी थीं। उसने पहले महिला के साथ रेप किया और फिर प्राइवेट में हथियार डालकर हत्या कर दी। आरोपी मोहन चौहान पेशे से ड्राइवर था। कोर्ट में जब मामले की सुनवाई चल रही थी तब वह पीड़ित पक्ष के वकीलों को गालियां भी देता था। सरकारी वकील ने तभी कहा था कि इसमें सुधार की गुंजाइस नहीं है।

कोर्ट में रोते हुए आरोप लगाने लगा था दोषी
सोमवार को कोर्ट ने मोहन चौहान को रेप और मर्डर के मामले में दोषी करार दिया था। कोर्ट में जब दोषी से पूछा गया कि उसे कितनी सजा मिलनी चाहिए तो वह जोर-जोर से रोने लगा और आरोप लगाने लगा कि उसे इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। वहीं दोषी के वकील ने कहा कि यह दुर्लभ मामला नहीं है क्योंकि घटना के बाद भी पीड़िता जिंदा थी और अच्छे इलाज से उसे बचाया जा सकता था।

एक वॉचमैन ने महिला को घायल अवस्था में देखा था और इसके बाद पुलिस को जानकारी दी थी। इसके बाद पीड़िता को घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया जहां एक दिन बाद उसने दम तोड़ दिया। अस्पातल में मेडिकल जांच में पता चला था कि उसके प्राइवेट पार्ट में कुछ डाला गया है जिसकी वजह से आंतें फट गईं। चाकू बाहर निकालने के बाद पीड़िता की आंतें भी बाहर आ गई थीं। 

सरकारी वकील ने कहा कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी इस तरह से चुपचाल चला गया जैसे उसने कुछ किया ही ना हो। इस मामले में सरकार की तरफ से 37 गवाह पेश किए गए थे। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज भी सबूत में शामिल था।
 

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