सुबह जल्दी नहीं उठ सकती, दोपहर दो बजे कोर्ट पहुंचीं साध्वी प्रज्ञा; मालेगांव ब्लास्ट केस की सुनवाई
मालेगांव विस्फोट केस में साध्वी प्रज्ञा भी आरोपी हैं। साध्वी प्रज्ञा सिंह दोपहर दो बजे के करीब कोर्ट रूम में पहुंची। उन्होंने कहा कि बीमारी के चलते सुबह उठ पाने में असमर्थ हैं, इसलिए देर से पहुंचीं।

मालेगांव ब्लास्ट 2008 मामले की सुनवाई मुंबई स्थित स्पेशल एनआईए कोर्ट में चल रही है। सम्मन के बावजूद एक आरोपी सोमवार को कोर्ट के सामने पेश नहीं हुआ। इसके चलते सुनवाई स्थगित कर दी गई। कोर्ट ने उसके खिलाफ जमानती वॉरंट जारी किया है। वहीं, साध्वी प्रज्ञा सिंह दोपहर दो बजे के करीब कोर्ट रूम में पहुंची। उन्होंने कहा कि बीमारी के चलते वह सुबह उठ पाने में असमर्थ हैं, इसलिए देर से पहुंची हैं। साध्वी प्रज्ञा ने कोर्ट से गुजारिश की कि उनकी मेडिकल हालत को देखते हुए उन्हें देर से पहुंचने की इजाजत दी जाए। हालांकि कोर्ट ने सभी आरोपियों को सुबह 10.30 बजे तक कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है।
सभी के लिए जारी हुआ था सम्मन
विस्फोट मामले की सुनवाई कर रही विशेष एनआईए अदालत ने इस महीने की शुरुआत में सभी आरोपियों को सम्मन जारी किया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे एक साथ पेश हों और अदालत के सवालों के जवाब दें। प्रावधानों के अनुसार, साक्ष्य पूरा होने के बाद, अदालत आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 313 के तहत आरोपी के बयान दर्ज करती है। अदालत आम तौर पर आरोपियों से मामले पर सवाल करती है ताकि वे अपने खिलाफ सबूतों में दिखाई देने वाली किसी भी परिस्थिति को व्यक्तिगत रूप से समझा सकें। अदालत ने फैसला किया था कि अगले कुछ हफ्तों में विस्फोट से संबंधित कई सामान्य सवाल सभी आरोपियों से पूछे जाएंगे। इसके बाद प्रत्येक आरोपी से व्यक्तिगत सवाल पूछे जाएंगे। साध्वी और उपाध्याय के अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी अन्य आरोपी थे जो अदालत में पेश हुए।
एक आरोपी नहीं पहुंचा
एक आरोपी दयानंद पांडेय उर्फ सुधाकर धार्द्विवेदी उर्फ शंकराचार्य सोमवार को कार्यवाही से अनुपस्थित रहे। धार्दिवेदी की ओर से पेश हुए वकील रंजीत सांगले ने अदालत में उपस्थित होने में असमर्थता के लिए धार्मिक अनुष्ठानों का हवाला दिया। वकील ने पेशी से छूट की भी मांग की और कहा कि धार्दिवेदी अगली तारीख पर अदालत में पेश होंगे। हालांकि, अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया और धरद्विवेदी के खिलाफ 5000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया। इसके बाद अदालत ने आरोपियों के 313 बयान दर्ज करने के लिए मामले की सुनवाई तीन अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।
