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अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट कोर्ट में हुआ हरिश साल्वे वर्सेज अभिषेक सिंघवी

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट की बीच की लड़ाई अब कोर्ट रूम में आ गई है। हिन्दुस्तान टाइम्स ने बताया था कि कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी राजस्थान...

अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट कोर्ट में हुआ हरिश साल्वे वर्सेज अभिषेक सिंघवी
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली।Thu, 16 Jul 2020 03:45 PM
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट की बीच की लड़ाई अब कोर्ट रूम में आ गई है। हिन्दुस्तान टाइम्स ने बताया था कि कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी राजस्थान के मुख्यमंत्री का पक्ष कोर्ट में रखेंगे तो वहीं सचिन पायलट की तरफ से पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरिश साल्वे उनका पक्ष रखेंगे। हालांकि, गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई टल गई है।

गौरतलब है कि पायलट अपने लिए सिंघवी के पास गए थे लेकिन अशोक गहलोत पहले ही उन्हें इस केस में अपना वकील बना चुके थो। साल्वे साल 1999 से लेकर 2002 तक एनडीए सरकार के शीर्ष लॉ ऑफिसर थे। फिलहाल लंदन में रह रहे साल्वे ने पाकिस्तान के खिलाफ कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में लड़ाई लड़ी थी। 

सचिन पायलट कैंप के एक सूत्र ने बताया, “हमें कोर्ट में चुनौती दी है और राजस्थान हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं।” पिछले 24 घंटे के दौरान दोनों पक्षों की तरफ से मिलाजुला संकेत मिला है। पायलट की तरफ से नियुक्त स्थानीय निकायों को रद्द किया जा रहा है तो वहीं सार्वजनिक बयान में यह कहा जा रहा है कि उनके वापसी के दरवाजे खुले हुए हैं। मंगलवार को उप-मुख्यमंत्री पद से पायलट के हटाए जाने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा पायलट के संपर्क में हैं जबकि राहुल गांधी का अपने दूत केसी वेणुगोपाल को संदेश था कि वे पायलट को वापस लाएं।

कांग्रेस राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट और उनका समर्थन करने वाले 18 विधायकों ने राजस्थान स्पीकर के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे हैं। हाईकोर्ट में इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई टल गई। पायलट कैंप बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के नोटिस के खिलाफ चुनौती देने वाली याचिका में संशोधन के लिए और समय चाह रहे थे।  

राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने पुष्टि की है कि डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनके समर्थन वाले विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने का नोटिस भेजे गए हैं। वहीं सचिन पायलट ने इस आधार पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है कि गहलोत सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिस का कोई कानूनी आधार नहीं है।  

सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी द्वारा शिकायत के बाद राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने मानेसर रिसॉर्ट में सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों को नोटिस भेजा। मंगलवार को दूसरी सीएलपी बैठक में शामिल नहीं होने पर सचिन पायलट और उनके विधायकों के खिलाफ कांग्रेस ने शिकायत की थी। जब वह बैठक में शामिल नहीं हुए तो कांग्रेस ने उन्हें राजस्थान के डिप्टी सीएम और पीसीसी प्रमुख के पद से हटा दिया। सचिन पायलट को अभी अपने अगले कदम की घोषणा करनी है। हालांकि, पायलट साफ कर चुके है कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होंगे।

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