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सबरीमाला मंदिर केस: अभिनेत्री के भगवान अयप्पा को छूने से शुरू हुआ था विवाद

सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में शुक्रवार को केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष  उम्र तक की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को हटा दिया। जिस वजह से आज सुप्रीम कोर्ट को मंदिर...

सबरीमाला मंदिर केस: अभिनेत्री के भगवान अयप्पा को छूने से शुरू हुआ था विवाद
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 17 Oct 2018 07:53 AM
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सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में शुक्रवार को केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष  उम्र तक की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को हटा दिया। जिस वजह से आज सुप्रीम कोर्ट को मंदिर में मलिहाओं को बराबरी का हक देना उस विवाद की जड़ के पीछे हैं एक कन्नड़ अभिनेत्री। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2006 में कन्नड़ अभिनेत्री ने दावा किया था कि वह अपने पति के साथ अपने पति के साथ भगवान अयप्पा के दर्शन किए। जिसके बाद भारी विवाद खड़ा हुआ था।


2006 में सबरीमाला के प्रमुख ज्योतिषी परप्पनगडी उन्नीकृष्णन ने चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि अयप्पा अपनी ताकत खो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि भगवान इसलिए नाराज हैं क्योंकि मंदिर में किसी युवा महिला ने प्रवेश किया है। ठीक इसी समय कन्नड़ अभिनेता प्रभाकर की पत्नी व अभिनेत्री जयमाला ने बयान दिया कि उन्होंने ही अयप्पा की मूर्ति को छुआ है। वह इसके लिए प्रायश्चित करना चाहती है।

भीड़ के धक्के से गर्भगृह पहुंची अभिनेत्री
अभिनेत्री ने बताया था कि 1987 में पति संग वह मंदिर गई थीं। श्रद्धालुओं के धक्कों की वजह से वह गर्भगृह में पहुंच गई और भगवान अयप्पा के चरणों में गिर गईं जहां पुजारी ने उन्हें फूल भी दिए थे। उनके इस दावे के बाद पूरे केरल में बवाल मच गया था।

जयमाला के खिलाफ चार्जशीट
14 दिसंबर 2010 को पठानीमिट्ठा जिले के रन्नी में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में केरल पुलिस ने जयमाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इसमें जयमाला पर जानबूझकर तीर्थस्थल के नियमों का उल्लंघन करते हुए लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था। हालांकि बाद में केरल हाईकोर्ट ने चार्जशीट को खारिज कर दिया और जयमाला कानूनी लड़ाई जीत गईं।

दावे पर सवाल
अभिनेत्री के दावे के समय पर काफी सवाल भी उठे थे। 27 साल की अभिनेत्री की कबूलनामे का मकसद क्या था? उन्हें पुजारी से फूल कैसे मिले? वह मंदिर में बिना किसी की नजर में आए कैसे घुस गईं? क्या यह उन्नीकृष्णन का मंदिर के दूसरे पुजारियों के खिलाफ किसी साजिश का हिस्सा था? 


हालांकि जयमाला ने किसी भी साजिश से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था किशायद मुझे इसलिए नहीं रोका गया हो क्योंकि मैं मशहूर अभिनेत्री थी। मुझे नहीं पता था कि वहां महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है। जयमाला ने एक साक्षात्कार में कहा था, 21वीं सदी में महिलाएं अपने मासिक धर्म को दवा लेकर आगे बढ़ा सकती है और मंदिरों को नियम बनाने का हक नहीं है। मंदिर में प्रवेश के लिए मन शुद्ध होना चाहिए। 

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