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सबरीमाला: दो महीने तक चलने वाली मंडला पूजा के लिए खुले मंदिर के कपाट, लगा भक्तों का जमघट

केरल में सबरीमला मंदिर दो महीने के तीर्थाटन सत्र के लिए खुल गया है। केरल में सबरीमला मंदिर दो महीने के तीर्थाटन सत्र के लिए खुल गया है। सबरीमाला मंदिर के कपाट दो महीने तक चलने वाली...

सबरीमाला: दो महीने तक चलने वाली मंडला पूजा के लिए खुले मंदिर के कपाट, लगा भक्तों का जमघट
रमेश बाबू,कोच्चि।Fri, 16 Nov 2018 07:45 PM
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केरल में सबरीमला मंदिर दो महीने के तीर्थाटन सत्र के लिए खुल गया है। केरल में सबरीमला मंदिर दो महीने के तीर्थाटन सत्र के लिए खुल गया है। सबरीमाला मंदिर के कपाट दो महीने तक चलने वाली मंडला पूजा के लिए खुले हैं। कपाल खुलने के बाद मंदिर के बाहर भगवान अयप्पा के भक्तों का जमघट लगा है। वहीं कार्यकर्ता तृप्ति देसाई जो कि मंदिर जाने के लिए कोच्चि में हैं, उन्हें पुलिस ने पुणे लौट जाने को कहा है।

इससे पहले सबरीमाला मंदिर जाने के लिए शुक्रवार तड़के केरल के कोच्चि पहुंचीं महिला कार्यकर्ता तृप्ति देसाई को हवाई अड्डे पर भारी विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। गुस्से में प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोक दिया। वहीं, निलक्कल, पांबा और सन्नीधनम में धारा 144 को लागू कर दिया गया है।

पुणे से सुबह पांच बजे इंडिगो फ्लाइट से पहुंची देसाई को एयरपोर्ट से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई। सड़कों पर उतरकर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से कहा कि वे देसाई को वहां से लेकर जाएं नहीं तो पूरे इलाके में तनाव बढ़ जाएगा। हालांकि, पुलिस ने देसाई को एक होटल में शिफ्ट करने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उसे एयरपोर्ट से बाहर निकालने से इनकार करते हुए उसे वापस जाने को कहा।

देसाई ने पुलिस ने कहा कि वह पंबा तक एक टैक्सी भारी पर ले लें जो सबरीमाला मंदिर के बेस कैम्प है। वहां से करीब 5.5 किलोमीटर की यात्रा शुरू होती है। टैक्सी ड्राईवर ने भी उसे एयरपोर्ट से बाहर ले जाने से इनकार कर दिया। वे करीब तीन घंटे से भी ज्यादा वक्त तक व्यस्ततम एयरपोर्ट पर रही।

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राज्य सरकार दे सुरक्षा

उधर, सबरीमाला मंदिर जाने पर अड़ी तृप्ति देसाई ने कहा- "प्रदर्शनकारियों को हिंसा नहीं करनी चाहिए। एक बार जब मैं वहां पहुंच जाती हूं तो देखती हूं कि किसी तरह की सुरक्षा राज्य सरकार हमें देती है। अगर हमें राज्य सरकार सुरक्षा नहीं देती है तो हम वैसे ही जाएंगे। हम पर हमले किए जा सकते हैं। मुझे जान से मारने और हमले की कई धमकियां दी जा चुकी हैं।"

उधर, बीजेपी नेता एमएन गोपी ने कोच्चि एयरपोर्ट के बाहर कहा- तृप्ति देसाई को एयरपोर्ट से पुलिस या किसी सरकारी गाड़ी में जाने की इजाजत नहीं देंगे। एयरपोर्ट टैक्सियां भी उन्हें नहीं ले जाएंगी। अगर वे चाहती हैं तो वे अपनी गाड़ी से जा सकती हैं। अगर वे एयरपोर्ट से बाहर जाती हैं तो उन्हें पूरे रास्ते विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ेगा।

 

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आज शाम तीसरी बार खुलेगा सबरीमाला मंदिर

उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद मंदिर शुक्रवार शाम को तीसरी बार खुलेगा। शीर्ष अदालत ने 28 सितंबर के अपने आदेश में भगवान अयप्पा मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी थी लेकिन अभी तक कोई महिला दर्शन नहीं कर सकी। हवाई अड्डे पर प्रदर्शन कर रहे स्थानीय भाजपा नेताओं ने कहा कि श्रद्धालु देसाई और उनके साथ आए दल को हवाई अड्डे से बाहर निकलकर सबरीमला मंदिर नहीं जाने देंगे। देसाई के साथ कथित तौर पर उनके छह साथी भी हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि देसाई और उनकी टीम यहां दशकों से चल रही मंदिर की परंपरा का उल्लंघन करने आई हैं। उन्होंने कहा, ''वह यहां दर्शन करने नहीं बल्कि शनिवार से शुरू हो रही शांतिपूर्ण सबरीमला तीर्थयात्रा में बाधा डालने आई हैं।

महिलाओं और भाजपा कार्यकर्ताओं समेत अयप्पा श्रद्धालु बड़ी संख्या में हवाई अड्डे के बाहर एकत्रित हुए और उन्होंने अयप्पा के मंत्रोच्चार के साथ प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी हालात को नियंत्रण में करने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने देसाई और प्रदर्शनकारियों के साथ चर्चा की लेकिन दोनों पक्ष अपनी बात पर अड़े रहे।

फोन पर मीडिया से बातचीत में देसाई ने कहा कि वह भगवान अयप्पा मंदिर में दर्शन के बिना महाराष्ट्र वापस नहीं जाएंगी। स्थिति से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी हवाई अड्डे के घरेलू टर्मिनल पर मौजूद रहे । भगवान अयप्पा मंदिर शनिवार को दो महीने तक चलने वाली पूजा के लिए फिर से खुलेगा।

शनि शिंगणापुर मंदिर, हाजी अली दरगाह, महालक्ष्मी मंदिर और त्र्यम्बकेश्वर शिव मंदिर समेत कई धार्मिक सथानों पर महिलाओं को प्रवेश देने के अभियान का नेतृत्व करने वाली देसाई ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को ई-मेल लिखकर सुरक्षा मांगी थी क्योंकि उन्हें मंदिर जाने के दौरान हमले का डर था।

देसाई ने कहा, ''हम सबरीमला मंदिर में दर्शन किये बिना महाराष्ट्र नहीं लौटेंगे। हमें सरकार पर भरोसा है कि वह हमें सुरक्षा मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा, ''यह राज्य सरकार और पुलिस की जिम्मेदारी है कि सुरक्षा मुहैया कराई जाए और हमें मंदिर ले जाया जाए क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी है।

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