विदेश मंत्री जयशंकर बोले- आर्टिकल 370 हटाने से पहले कश्मीर में स्थिति ठीक नहीं थी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि 5 अगस्त से पहले जिस दिन अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था कश्मीर में स्थिति ठीक नहीं थी, 2016 जैसी स्थिति से बचने और वहां जानें न जाएं, इसलिए प्रतिबंध...
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि 5 अगस्त से पहले जिस दिन अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था कश्मीर में स्थिति ठीक नहीं थी, 2016 जैसी स्थिति से बचने और वहां जानें न जाएं, इसलिए प्रतिबंध लगाया गया। बता दें कि आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के घाटी में हालात बिगड़ गए थे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने काउंसिल ऑफ फॉरेन मिनिस्टर्स में कहा कि सरकार का पहला मकसद यही था कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद घाटी में विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के चलते लोगों की जानें न जाएं। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त से पहले कश्मीर की स्थिति ठीक नहीं थी। 5 अगस्त को ही कश्मीर में परेशानियां शुरू नहीं हुईं।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमें 2016 की हिंसा का अनुभव था जब आतंकी बुरहान वानी मारा गया था और उसके बाद घाटी में हिंसा में बढ़ोतरी हुई थी। हमारा इंटेंशन सिर्फ जानें बचाना था। प्रतिबंध लगाना उन मुश्किलों को रोकने का एक तरीका है।
गौरतलब है कि इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा थाकि भारत को पाकिस्तान से नहीं, लेकिन उसे 'टेररिस्तान' से बात करने में समस्या है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिये एक पूरे के पूरे आतंकी उद्योग का निर्माण किया है। जयशंकर ने न्यूयॉर्क में सांस्कृतिक संगठन 'एशिया सोसाइटी की ओर से मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में वहां उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, जब भारत ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित करने का फैसला किया तब इस पर पाकिस्तान तथा चीन से प्रतिक्रिया आयी थी।
जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को पांच अगस्त को हटाये जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया था और भारतीय उच्चायुक्त को भी निष्कासित कर दिया था। चीन ने कश्मीर में स्थिति को लेकर इसे ''गंभीर चिंता का विषय बताया और कहा, ''संबंधित पक्षों को संयम बरतना चाहिए और सावधानी से काम करना चाहिए खासकर ऐसी कार्रवाइयों से बचना चाहिए जो एकतरफा यथास्थिति को बदलता हो और तनाव को बढ़ाता हो।
जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत को पाकिस्तान से बातचीत करने में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा, ''लेकिन हमें टेररिस्तान से बात करने में समस्या है और उन्हें सिर्फ पाकिस्तान बने रहना होगा, दूसरा नहीं। जयशंकर ने कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाये जाने का भारत की बाह्य सीमाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है।
जयशंकर ने कहा, ''हमने इसमें अपनी मौजूदा सीमाओं में रहकर सुधार किया है। जाहिर तौर पर पाकिस्तान और चीन से प्रतिक्रियाएं आयीं। दोनों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग थीं। मुझे लगता है कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसने कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिये वास्तव में समूचे आतंकवाद के उद्योग को रचा। मेरी राय में यह वाकई में कश्मीर से बहुत बड़ा मुद्दा है और मुझे लगता है कि उन्होंने इसे भारत के लिये निर्मित किया है।