नौकरी के लिए रूस गया था हरियाणा का युवक, फौज में जबरन भर्ती कर लड़ने यूक्रेन भेजा; मौत
हरियाणा के 22 वर्षीय एक युवक की यूक्रेन में मौत हो गई है। ऐसी जानकारी सामने आई है कि वह रूस की तरफ से यूक्रेन में युद्ध लड़ रहा था और उसकी जान चली गई। वह नौकरी के लिए रूस गया था।
हरियाणा के 22 वर्षीय एक युवक की यूक्रेन में मौत हो गई है। ऐसी जानकारी सामने आई है कि वह रूस की तरफ से यूक्रेन में युद्ध लड़ रहा था और उसकी जान चली गई। युवक के भाई का कहना है कि वह नौकरी के लिए रूस गया था लेकिन, वहां उसे जबरन फौज में भर्ती कर दिया गया। गिनती भर दिनों की ट्रेनिंग के बाद यूक्रेन में फ्रंटलाइन वर्कर्स की तरह भेज दिया, जहां लड़ते-लड़ते उसकी मौत हो गई। मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने युवक की मौत की पुष्टि की है।
रूस की तरफ से यूक्रेन युद्ध में मारे गए गए युवक की पहचान रवि मौन के रूप में हुई है। वह हरियाणा के कैथल जिले के मटौर गांव का रहने वाला था। रवि के भाई अजय ने दावा किया कि रवि 13 जनवरी को परिवहन संबंधी नौकरी के लिए रूस गया था, लेकिन उसे सेना में भर्ती कर लिया गया। अजय ने अपने भाई के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए दूतावास को 21 जुलाई को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा, ‘‘दूतावास ने हमें बताया कि उनकी मौत हो गई है।’’ परिवार ने कहा कि दूतावास ने शव की पहचान के लिए उनसे डीएनए परीक्षण रिपोर्ट भेजने के लिए भी कहा।
12 मार्च को रवि की परिवार से आखिरी बार बात हुई
अजय ने कहा, ‘‘रवि 13 जनवरी को रूस गए थे। एक एजेंट ने उन्हें परिवहन संबंधी नौकरी के लिए रूस भेजा था लेकिन उन्हें रूसी सेना में शामिल कर लिया गया।’’ अजय मौन ने आरोप लगाया कि रूसी सेना ने उनके भाई से कहा था कि वह यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़ने के लिए अग्रिम मोर्चे पर जाएं या फिर 10 साल जेल की सजा भुगतें। उन्होंने कहा कि रवि को खाई खोदने का प्रशिक्षण दिया गया था और बाद में उन्हें अग्रिम मोर्चे पर भेज दिया गया। अजय ने कहा, ‘‘हम 12 मार्च तक उनके संपर्क में थे और वह बहुत परेशान थे।’’
अब पीएम मोदी से शव वापस लाने की मांग
अजय मौन के पत्र पर भारतीय दूतावास ने जवाब दिया, ‘‘दूतावास ने संबंधित रूसी प्राधिकारियों से उनकी मृत्यु की पुष्टि करने और उनके पार्थिव शरीर को भेजे जाने का अनुरोध किया है।’’ उसने कहा, ‘‘रूसी पक्ष ने उनकी मौत की पुष्टि की है। हालांकि, शव की पहचान के लिए उन्हें उनके करीबी रिश्तेदारों के डीएनए की जांच करने की आवश्यकता है।’’ अजय मौन ने अपने भाई के शव को वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी अनुरोध किया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे पास उनके शव को वापस लाने के लिए पर्याप्त धन नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि परिवार ने एक एकड़ जमीन बेचकर उन्हें रूस भेजने के लिए 11.50 लाख रुपये खर्च किए।
बता दें कि रवि की मौत की सूचना तब आई है जब पीएम नरेंद्र मोदी ने हालिया रूस दौरे के बाद पुतिन सरकार ने उसकी सेना में शामिल भारतीय नागरिकों को नौकरी से शीघ्र मुक्त करने और उनकी वापसी सुनिश्चित करने की भारत की मांग मान ली थी। रूस ने अपनी सेना में सहायक कर्मियों के रूप में भारतीयों की भर्ती बंद करने और बल में कार्यरत भारतीयों की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने की भारत की मांग मानने पर इस महीने की शुरुआत में सहमति जताई थी। रूसी पक्ष ने सभी भारतीय नागरिकों को रूसी सेना से जल्द सेवामुक्त करने का वादा किया था।
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