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तीन साल बाद फिर उड़ी दाऊद इब्राहिम की मौत की अफवाह

तीन साल बाद एक बार फिर मीडिया में भारत के मोस्ट वॉन्टेड दाऊद इब्राहिम ( Dawood Ibrahim) के मरने की अटकलें चरम पर हैं। सोर्स के हवाले से रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कोरोना संक्रमित होने के...

तीन साल बाद फिर उड़ी दाऊद इब्राहिम की मौत की अफवाह
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSat, 06 Jun 2020 03:41 PM
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तीन साल बाद एक बार फिर मीडिया में भारत के मोस्ट वॉन्टेड दाऊद इब्राहिम ( Dawood Ibrahim) के मरने की अटकलें चरम पर हैं। सोर्स के हवाले से रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद दाऊद और उसकी पत्नी महजबीन उर्फ जुबीना जरीन को कराची मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था और वहीं उसकी मौत हो गई। इस तथाकथित रिपोर्ट की कहीं से कोई पुष्टि नहीं हुई है और होने की उम्मीद भी कम है। वैसे, दाऊद के छोटे भाई अनीस ने शुक्रवार को ही दाऊद के संक्रमित होने की मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया था।

ऐसा नहीं है कि दाऊद इब्राहिम के मरने की अटकलें पहली बार आई हैं। तीन साल पहले यानी 2017 में भी अप्रैल महीने में दाऊद की मौत को लेकर ऐसी ही तेज अफवाह थी। खबर फैली थी कि दिल का दौरा पड़ने के बाद दाऊद की मौत हो गई। हालांकि, मुंबई पुलिस और बाद में दाऊद के भाई छोटा शकील ने इन अटकलों को खारिज कर दिया था।

जब दाऊद को हार्ट अटैक आने और मौत की रिपोर्ट्स आ रही थीं, ठीक उसी दौरान वह 19 अप्रैल 2017 को जावेद मियांदाद के घर एक पार्टी में दिखे थे। मियांदाद के बेटे जुनैद और दाऊद की बेटी महरुख की साल 2005 में शादी हुई थी। हालांकि, अंडरवर्ल्ड के जानकार और दाऊद से मिल चुके कई वरिष्ठ पत्रकार यह मानते हैं कि पिछले कुछ सालों से उसे काफी बीमारियों ने घेर रखा है और उसकी तबीयत बहुत अच्छी नहीं रहती है। दाऊद को गैंगरिन जैसी खतरनाक बीमारी ने भी जकड़ रखा है।

दाऊद की कहानी
दाऊद मार्च 1993 में हुए मुंबई बम ब्लास्ट का मास्टरमाइंड है। भारत छोड़ने के बाद उसने पहले खाड़ी देशों में और उसके बाद पाकिस्तान में जाकर पनाह ली। दाऊद इब्राहिम का जन्म 27 दिसंबर, 1955 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ था और उसके पिता शेख इब्राहिम अली कास्कर मुंबई पुलिस में हवलदार थे। दाऊद के गैंगस्टर बनने की शुरुआत हाजी मस्तान के साथ जुड़ने और डांगरी गैंगवार से हुई। समय के साथ-साथ दाऊद का क्रिमिनल रिकॉर्ड बढ़ता चला गया। हाजी मस्तान और अफगानिस्तान से आए प्रवासियों से बनी पठान गैंग के बीच हुई लड़ाई के बाद दाऊद काफी पावरफुल और खतरनाक होता चला गया। 

दाऊद ने पठान गैंग के सभी गुर्गों और सूर्वे गैंग को कंट्रोल में किया और फिर मस्तान के राजनीति में जाने से पूरी गैंग का जिम्मा दाऊद के हाथों में चला गया। इसके बाद उसका अंडरवर्ल्ड में कद काफी बढ़ गया। दु​बई में शिफ्ट होने के बाद दाऊद ने अपना बिजनेस बढ़ाने का सोचा। दाऊद ने जहाज तोड़ने के ​बिजनेस पर दांव लगाया, जो वह देश में हथियार, विस्फोटक और प्रतिबंधित पदार्थों की तस्करी करने के लिए उपयोग करता था। इसके बाद दाऊद ड्रग्स तस्करी और सट्टे की दुनिया में आ गया। सट्टे की दुनिया में आने के बाद वह कई क्रिकेटरों के साथ भी दिखा।

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