संघ ने जातिवाद की खाई भरने का बीड़ा उठाया
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामाजिक सद्भाव बैठक में इस बात पर मंथन किया गया कि समाज के सभी वर्गों को हिंदुत्व की विचारधारा से कैसे जोड़ा जाए। इसके लिए संघ ने जातिवाद की खाई भरने के लिए शाखाओं के अलावा...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामाजिक सद्भाव बैठक में इस बात पर मंथन किया गया कि समाज के सभी वर्गों को हिंदुत्व की विचारधारा से कैसे जोड़ा जाए। इसके लिए संघ ने जातिवाद की खाई भरने के लिए शाखाओं के अलावा अन्य कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है। सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि जब भिन्न-भिन्न मत-पंथ और उपासना पद्धति के लोग साथ बैठेंगे तो सामाजिक स्तर से कई समस्याएं हल हो जाएंगी।
जाति-व्यवस्था को हटा नहीं सकते तो भूल जाएं : बैठक का मुख्य विषय जाति आधारित भेदभाव को समाप्त कर भारतीय समाज को एकजुट करना है। वक्ताओं ने कहा कि कालान्तर में हिन्दू समाज में कुछ दोष आ गए। इन दोषों में एक दोष जाति आधारित भेदभाव का है। इसे मिटाना सामूहिक प्रयास से ही संभव है। समाज से जाति हट नहीं सकती तो भूलने की कोशिश करें और अगर भूलना भी संभव न हो तो जाति के आधार पर भेदभाव बंद करना चाहिए। वृंदावन के वात्सल्य ग्राम में शनिवार को आयोजित बैठक में सहकार्यवाह भैयाजी जोशी, दत्तात्रेय होसबोले और कृष्णगोपाल ने संबोधन दिया।
भेदभाव मिटाना होगा : वक्ताओं ने कहा कि अगर भारत में धर्म, संस्कृति व जीवन मूल्य नष्ट हो गए तो यह विश्व में सभी जगह नष्ट हो जाएंगे। इसलिए इन्हें सुरक्षित रखने के लिए हमें को संकुचित विचारों से ऊपर उठना होगा। हिन्दू समाज को शक्तिशाली होना होगा, भेदभाव मिटाना होगा तभी हम एक बार फिर गौरवशाली हिन्दू समाज बन पाएंगे व विश्व का कल्याण होगा।