प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण, लोकसभा में युवाओं का रिजर्वेशन; संसद में पेश निजी विधेयक
शुक्रवार को संसद में कई निजी विधेयक पेश किए गए। तीन विधेयक शशि थरूर ने पेश किए जिसमें लोकसभा में युवाओं के आरक्षण की बात कही गई है। वहीं एक बिल में प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण की बात कही गई।
संसद के बजट सत्र के दौरान गर्मा गरम बहस के अलावा कई सांसदों ने प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश किए हैं। इसमें प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण, लोकसभा में युवाओं को आरक्षण, बिहार के दलितों को स्पेशल पैकेज जैसी मांगें शामिल हैं। शुक्रवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने तीन प्राइवेट बिल पेश किए। शशि थरूर के एक विधेयक में कहा गया है कि लोकसभा में कम से कम 10 प्रतिशत सीटें उन युवाओं के लिए आरक्षित होनी चाहिए जिनकी उम्र 35 साल से कम है।
थरूर ने दूसरे बिल में सरकारी संस्थानों और नौकरियों में ट्रांसजेंडर के लिए 1 फीसदी के आरक्षण की बात कही है। इसके अलावा उनका कहना है कि तिरुवनंतपुरम में हाई कोर्ट की एक बेंच होनी चाहिए। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक थरूर ने कहा कि लोकसभा में युवाओं का प्रतिशत बेहद कम है। ऐसे में कम से कम 10 सीटें उन युवाओं के लिए आरक्षित होनी जरूरी है जिनकी उम्र 35 साल से नीचे है। उन्होंने कहा कि सांसदों की उम्र में गैप के मामले में हमारे देश का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। जिस हिसाब से देश की जनसंख्या में युवाओं का योगदान है उस हिसाब से संसद में उनकी संख्या नहीं है।
तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा कि संसद को फैसला लेना चाहिए कि युवाओं के लिए आरक्षण कैसे लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा भी किया जा सकता है कि लोकसभा में सदस्यों की कुल संख्या से अतिरिक्त 10 सीटें युवाओं के लिए आरक्षित की जाएं। इन सीटों पर लोकसभा चुनाव हारने वाले 10 सबसे अच्छे युवाओं को शामिल किया जा सकता है। तिरुवनंतपुरम में हाई कोर्ट की बेंच बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि 1956 से आज तक हाई कोर्ट कोच्चि में हैं। वहीं राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम है। ऐसे में राज्य सरकार का काफी पैसा टीए, डीए में खर्च होता है।
केंद्रीय बजट में बिहार को स्पेशल पैकेज मिलने के बाद भी जेडीयू सांसद आलोक कुमार सुमन ने एक प्राइवेट बिल पेश किया है जिसमें कहा गया है कि राज्य के एससी, एसटी और ओबीसी को अलग से स्पेशल पैकेज दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, बिहार के लिए स्पेशल पैकेज अलग मामला है। वहीं सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को पैकेज दिलाने का मतलब राज्य का विकास है। यह बिहार को दिए गए पैकेज से अलग है। सुमन ने बाढ़ और सूखा विधेयक 2024 भी पेश किया और कहा कि राज्य में बाढ़ और सूखे के हालात से निपटने के लिए बोर्ड का गठन होना चाहिए।
नगीना से सांसद चंद्रशेखऱ आजाद ने भी प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण के लिए बिल पेश किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सरकारी नौकरियों में कमी की है और बहुत सारा काम प्राइवेट सेक्टर को सौंपा जा रहा है। ऐसे में प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण जरूरी हो गया है। इसके अलावा केरल से सांसद शफी परांबिल ने एक विधेयक पेश किया जिसमें कहा गया कि हवाई यात्रा करने वालों से मनमाना किराया वसूलने पर नियंत्रण के लिए कानून बनना चाहिए।
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