अवॉर्ड से नवाजी गई NDRF की 'जूली', भूकंप प्रभावित तुर्की में बचाई थी 6 साल की बच्ची की जान
लैब्राडोर प्रजाति की जूली तुर्की और पड़ोसी सीरिया में छह फरवरी को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद राहत एवं बचाव कार्यों के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत भारतीय आपदा मोचन बल (NDRF) दल के साथ वहां गयी थी।

तुर्किये (तुर्की) में फरवरी में आए भीषण भूकंप के दौरान मलबे में दबी एक बच्ची को सूंघ कर सुरक्षित बचाने में राहत दल की मदद करने के लिए एनडीआरएफ की छह वर्षीय श्वान (फीमेल डॉग) जूली को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। लैब्राडोर प्रजाति की जूली तुर्की और पड़ोसी सीरिया में छह फरवरी को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद राहत एवं बचाव कार्यों के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत भारतीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) दल के साथ वहां गयी थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान बहुत अच्छा काम करने के लिए जूली को ‘महानिदेशक का प्रशस्तिपत्र’ दिया गया है। उन्होंने बताया कि भूकंप के कारण धराशायी एक बहुमंजिला इमारत के मलबे में करीब 70 घंटे से दबी छह साल की बेरेन को सूंघकर उसे सुरक्षित बचाने के लिए जूली को सम्मानित किया गया है।
बेरेन को तुर्किये के गाजानियाटेप इलाके से सुरक्षित बचाया गया। बेरेन के जीवित होने की बात पहले जूली के सूंघने से पता चली और जूली के साथ श्वान रोमियो ने भी इसकी पुष्टि की। जूली एनडीआरएफ की कोलकाता स्थित दूसरी बटालियन के साथ है।