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नए वाहन पर पुराने नंबर के लिए शुल्क देना होगा, नई रिटेंशन पॉलिसी होगी लागू

पुराने वाहन पर दर्ज पसंदीदा नंबर आपको अब नए वाहन पर मुफ्त में नहीं मिलेगा। इसके लिए आपको 2500 रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक का शुल्क चुकाना पड़ सकता है। दिल्ली परिवहन विभाग ने दिल्ली वाहन...

नए वाहन पर पुराने नंबर के लिए शुल्क देना होगा, नई रिटेंशन पॉलिसी होगी लागू
नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाताMon, 29 Oct 2018 06:53 AM
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पुराने वाहन पर दर्ज पसंदीदा नंबर आपको अब नए वाहन पर मुफ्त में नहीं मिलेगा। इसके लिए आपको 2500 रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक का शुल्क चुकाना पड़ सकता है। दिल्ली परिवहन विभाग ने दिल्ली वाहन अधिनियम 34ए में बदलाव करते हुए नई रिटेंशन पॉलिसी की ड्राफ्ट अधिसूचना जारी कर दी है। तीस दिन तक सुझाव और आपत्ति लेने के बाद इस नई नीति को लागू कर दिया जाएगा। सूत्रों की मानें तो नवंबर के आखिरी सप्ताह में नई रिटेंशऩ पॉलिसी लागू कर दी जाएगी। 

फिलहाल कोई शुल्क नहीं लगता

वर्तमान में पुराने वाहन के नंबर को नए वाहन पर पाने के लिए कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है। फिर चाहे वह वीआईपी श्रेणी के सबसे महंगा 5 लाख का 0001 नंबर ही क्यों न हो, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। नई पॉलिसी के मुताबिक, अगर वाहन स्वामी अपने पुराने वाहन के नंबर को नए वाहन पर चाहता है तो उसे चारपहिया के लिए न्यूनतम 25 हजार रुपये और दोपहिया के लिए 2500 रुपये चुकाने होंगे।  वहीं, अगर वह नंबर वीआईपी श्रेणी का है तो उसके आरक्षित मूल्य का 10 फीसदी या 25 हजार रुपये में से जो अधिक होगा वह शुल्क चुकाना पड़ेगा। अगर किसी के पास 0001 वाहन का नंबर है। वह इस नंबर को नए वाहन पर भी चाहता है तो उसे कम से कम 50 हजार रुपये चुकाने होंगे, क्योंकि 0001 नंबर का आरक्षित मूल्य 5 लाख रुपये है। इसी तरह  0002-0009 के बीच का कोई नंबर नए वाहन पर लेने के लिए आपकों 30000 हजार रुपये चुकाना होगा।

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पसंदीदा नंबर के लिए इंतजार नहीं करना होगा

परिवहन विभाग की वीआईपी नंबर की पांच श्रेणी है। इसमें चार श्रेणी में निर्धारित नंबर होते है, जिसमें 0001, 0002, 0009, 9999, 4000 जैसे नंबर आते हंै। 5वीं श्रेणी में वीआईपी नंबर के अलावा कोई भी नंबर (जिसका कोई आरक्षित मूल्य नहीं होता है) जो कि वाहन स्वामी अपनी पसंद का लेना चाहता है उसके लिए ऑनलाइन बोली लगती थी। न्यूनतम 20 हजार रुपये लिए जाते थे। मगर अब पांचवी श्रेणी में ऑनलाइन नीलामी के जरिए बोली लगाने की प्रक्रिया खत्म कर दी गई है। अब 25 हजार रुपये देकर सीधे शोरूम से ही आप अपना पसंदीदा नंबर हासिल कर सकते है। इसके लिए एक हफ्ते तक का इंतजार नहीं करना होगा। दुपहिया के लिए यह शुल्क 2500 रुपये रखा गया है।

वाहन तीन साल से आपके पास होना चाहिए

दिल्ली परिवहन विभाग के मुताबिक, बीते कुछ महीनों में देखने में आया है कि कुछ लोग महंगे वीआईपी नंबरों के पुराने वाहनों को खरीदकर उसे मुफ्त में अपने नए वाहनों पर हस्तातंरित करा रहे है। इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने अधिनियम में बदलाव किया है। इसके मुताबिक अब पुराने वाहन का नंबर आप अपने नए वाहन पर तभी ले पाएंगे जब वह वाहन कम से कम आवेदक के नाम पर तीन साल से पंजीकृत होगा। बीते दिनों वीआईपी नंबर वाले पुराने सरकारी वाहनों के नंबर हस्तांतरित करने का मामला सामने आया था।

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