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चंद्रयान 2 के सफलता की कहानी : सात दिनों से घर-परिवार छोड़ जुटी थी टीम

चंद्रयान-2 की सफलता पर टीम को बधाई देते हुए इसरो के चेयरमैन के शिवन भावुक हो उठे। उन्होंने चंद्रयान के सफल प्रक्षेपण को विज्ञान और भारत के लिए ऐतिहासिक दिन करार दिया। लॉन्चिंग की सफलता से गदगद इसरो...

चंद्रयान 2 के सफलता की कहानी : सात दिनों से घर-परिवार छोड़ जुटी थी टीम
एजेंसी,नई दिल्लीMon, 22 Jul 2019 11:13 PM
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चंद्रयान-2 की सफलता पर टीम को बधाई देते हुए इसरो के चेयरमैन के शिवन भावुक हो उठे। उन्होंने चंद्रयान के सफल प्रक्षेपण को विज्ञान और भारत के लिए ऐतिहासिक दिन करार दिया। लॉन्चिंग की सफलता से गदगद इसरो प्रमुख ने रूंधे गले से कहा, यह टीम सात दिनों से घर-परिवार छोड़कर मिशन में जुटी रही। अपने हित-अहित को नजरअंदाज कर रात-दिन एक करने वाली टीम को दिल से सलाम करता हूं। 7 बिन्दुओं में जानें मिशन चंद्रयान 2 की खास बातें-

1- पांच दिनों में ही खामी दूर
चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के बाद संवाददाता सम्मेलन में शिवन ने तकनीकी खामी को महज पांच दिनों में ही दूर करने के लिए टीम का आभार जताया। 15 जुलाई क्रायोजेनिक इंजन में लीकेज के कारण लॉन्चिंग को टाल दिया गया था। फिर इसके लिए 22 जुलाई की तारीख तय की गई। डॉ. शिवन ने कहा, पता नहीं अचानक चंद्रयान में तकनीकी खामी कैसे आ गई। लेकिन इतने विशाल कार्य को इतना जल्दी पूरा कर देने में टीम इसरो ने जो जज्बा दिखाया, उसे सलाम करता हूं।

2- काम अभी खत्म नहीं हुआ
शिवन ने यह भी कहा कि अभी काम खत्म नहीं हुआ है। हमें मिशन टीम को चंद्रयान-2 मिशन चांद के दक्षिणी ध्रुव की ओर लाने में मेहनत करनी होगी।

3- ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत
शिवन ने कहा, यह ऐलान कर बहुत खुश हूं कि जीएसएलवी-3 ने चंद्रयान-2 को धरती से छह हजार किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित कर दिया है। यह हमारी ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है। चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचेगा। सभी तकनीकी गड़बड़ियों का पता लगाकर सुलझा लिया गया था। अगले डेढ़ दिन में जरूरी टेस्ट किए जाएंगे, जिससे तय होगा कि मिशन सही दिशा में है। यह 48वें दिन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। 

 


4- हमारी सोच से भी बेहतर
इसरो प्रमुख के शिवन ने चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग हमारी सोच से बेहतर रही। इसकी सफल लॉन्चिंग से खुशी है। ये वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का नतीजा है, इसके लिए सभी वैज्ञानिकों को सलाम।

5- 15%बढ़ी जीएसएलवी मार्क-3 की क्षमता
इसरो प्रमुख ने एक बड़ी जानकारी दी कि चंद्रयान 2 को प्रक्षेपित करने वाले जीएसएलवी मार्क-3 की प्रदर्शन क्षमता पहले के मुकाबले 15 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा दी गई है। इसके लिए भी टीम इसरो को धन्यवाद। उन्होंने कहा कि लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान जैसी तकनीक भारत में पहली बार विकसित की गई। उन्होंने कहा, सैटलाइट टीम को मुबारक कि उन्होंने सही वक्त पर लॉन्च पैड पर ला दिया। अब करीब डेढ़ महीने बाद वह 15 मिनट बहुत महत्वपूर्ण होगा, जब लैंडर विक्रम चांद की सतह पर उतरेगा। 

6- भारत और विज्ञान के लिए बड़ा दिन 
इसरो प्रमुख ने कहा कि आज का दिन न केवल इसरो, न केवल भारत बल्कि विज्ञान और तकनीकी के लिहाज से भी गौरवपूर्ण है। विशेष तकनीकी क्षेत्र में भारत का झंडा आगे भी बुलंद रखना है। इसे और नई ऊंचाई पर पहुंचाना है। 

7- आगे क्या..?

15 महत्वपूर्ण चरणों से गुजरना होगा
शिवन ने कहा कि चंद्रयान को चंद्रमा के पास पहुंचने से पहले अगले डेढ़ महीने में 15 बेहद महत्वपूर्ण अभियान चरणों से गुजरना होगा। उसके बाद वह दिन आएगा जब चंद्रमा पर दक्षिणी ध्रुव के नजदीक सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए 15 मिनट तक हमारे दिलों की धड़कनें बढ़ जाएंगी। यह सबसे जटिल चरण होगा।

आखिरी के 15 मिनट बेहद चुनौतीपूर्ण
शिवन ने कहा, चंद्रमा की सतह से 30 किलोमीटर दूर चंद्रयान-2 की लैंडिंग के लिए इसकी गति कम की जाएगी। विक्रम को चांद की सतह पर उतारने का काम काफी मुश्किल होगा। इस दौरान का 15 मिनट काफी चुनौतीपूर्ण होने वाला है। हम पहली बार सॉफ्ट लैंडिंग की करेंगे। यह तनाव का क्षण केवल इसरो ही नहीं बल्कि सभी भारतीयों के लिए होगा। सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिलते ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अभी तक अमेरिका, रूस और चीन के पास ही यह विशेषज्ञता है।

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