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PULWAMA ATTACK: सैनिकों पर लिखी इस कविता को पढ़ नम हो जाएंगी आपकी आंखें

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले की एक बस पर हुए फिदायीन आतंकी हमले में हमारे 40 जवान शहीद हो गए। जिसके बाद पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है। इस आत्मघाती आतंकी हमले की जिम्मेदारी...

PULWAMA ATTACK: सैनिकों पर लिखी इस कविता को पढ़ नम हो जाएंगी आपकी आंखें
लाइव हिन्दुस्तान टीम।,नई दिल्ली। Sun, 17 Feb 2019 07:59 PM
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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले की एक बस पर हुए फिदायीन आतंकी हमले में हमारे 40 जवान शहीद हो गए। जिसके बाद पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है। इस आत्मघाती आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित संगठन 'जैश-ए-मोहम्मद' ने ली है। भारतीय जवानों पर इस बर्बरतापूर्ण और कायराना आतंकी हमले के बाद देश के लोगों की भावनाएं उबाल मार रही हैं। लोगों के दिलों में अपने वीर जवानों को खोने का दर्द और आंखों में गम के आंसू हैं। इसी कड़ी में भारत के पूर्व सेना प्रमुख और वर्तमान सरकार में विदेश राज्य मंत्री जनरल (रिटा.) विजय कुमार सिंह (वीके सिंह) ने अपने आधिरिक ट्विटर हैंडल से एक कविता शेयर की है। यह कविता एक आम नागरिक और एक सैनिक होने के बीच के अंतर को रेखांकित करती है। 

वीके सिंह द्वारा  अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किए जाने के बाद यह कविता सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो गई है और इसे लोग बहुत पसंद कर रहे हैं। मशहूर अभिनेता अनुपम खेर ने भी इस कविता को पढ़ते हुए एक वीडियो बनाकर अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। दरसअल, पुलवामा आतंकी हमले के बाद जनरल वीके सिंह को यह कविता अंबाला कैंटोनमेंट स्थि​त एक स्कूल में पढ़ने वाले किसी छात्र ने भेजी थी। जो मूलत: अंग्रेजी में लिखी गई है। हमने आपके लिए इस कविता का हिंदी में अनुवाद किया है। इस कविता को पढ़कर आप सैनिक होने की कठिनाईयों और गर्व दोनों को महसूस करेंगे और शायद अपने आंसू नहीं रोक पाएंगे। सैनिक और आम नागरिक के बीच अंतर बताती यह कविता आप स्वयं पढ़ें...

हम दोनों ने 18 की उम्र में घर छोड़ा

तुमने JEE की परीक्षा पास कर ली और मैं अनुशंसित (Got Recommended) कर लिया गया

तुम्हें IIT मिला और मुझे NDA

तुमने डिग्री हासिल की और मैंने कठिन ट्रेनिंग

तुम्हारा दिन 7 बजे शुरू होकर 5 बजे ख़त्म होता

मेरा 4 बजे शुरू होकर 9 बजे तक चलता, कभी-कभी पूरी रात भी

तुम्हारा दीक्षांत समारोह (Convocation) होता और मेरा पासिंग ऑउट परेड (POP)

तुम्हें बेस्ट कंपनी मिली और बेस्ट पैकेज भी

मुझे मेरे कंधे पर दो स्टार मिला और पल्टन ज्वाइन करने का आदेश

तुम्हें नौकरी मिली और मुझे जीने का सलीका

हर शाम तुम अपने परिवार के साथ होते और मैं जल्द ही अपने परिवार से मिलने की उम्मीद में

तुम त्योहार रोशनी और संगीत के साथ घर में मनाते और मैं अपने कॉमरेड्स के साथ बंकर में

हमारी शादी हुई

तुम्हारी बीवी तुम्हें रोज अपने सामने देखना चाहती

मेरी बीवी सिर्फ मेरे जिंदा रहने की दुआ मांगती

तुम्हें बिजनेस ट्रिप पर भेजा जाता और मुझे लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर

हम दोनों वापस घर लौटते और दोनों की बीवियां अपने आंसू नहीं रोक पातीं

तुम अपनी बीवी के आंसू पोछ पाते, पर मैं नहीं पोछ पाता

तुम उसे गले लगाते, पर मैं नहीं लगा पाता

क्योंकि मैं अपने सीने पर मेडल्स लिए ताबूत में लेटा हुआ होता, तिरंगे में लिपटा हुआ

मैं शहीद हो चुका होता और तुम जी रहे होते।

हम दोनों ने 18 की उम्र में घर छोड़ा

तुमने JEE की परीक्षा पास कर ली और मैं अनुशंसित (Got Recommended) कर लिया गया

तुम्हें IIT मिला और मुझे NDA

तुमने डिग्री हासिल की और मैंने कठिन ट्रेनिंग

तुम्हारा दिन 7 बजे शुरू होकर 5 बजे ख़त्म होता

मेरा 4 बजे शुरू होकर 9 बजे तक चलता, कभी-कभी पूरी रात भी

तुम्हारा दीक्षांत समारोह (Convocation) होता और मेरा पासिंग ऑउट परेड (POP)

तुम्हें बेस्ट कंपनी मिली और बेस्ट पैकेज भी

मुझे मेरे कंधे पर दो स्टार मिला और पल्टन ज्वाइन करने का आदेश

तुम्हें नौकरी मिली और मुझे जीवन जीने का सलीका

हर शाम तुम अपने परिवार के साथ होते और मैं जल्द ही अपने परिवार से मिलने की उम्मीद में

तुम त्योहार रोशनी और संगीत के साथ घर में मनाते और मैं अपने कॉमरेड्स के साथ बंकर में

हमारी शादी हुई

तुम्हारी बीवी तुम्हें रोज अपने सामने देखना चाहती

मेरी बीवी सिर्फ मेरे जिंदा रहने की दुआ मांगती

तुम्हें बिजनेस ट्रिप पर भेजा जाता और मुझे लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर

हम दोनों वापस घर लौटते और दोनों की बीवियां अपने आंसू नहीं रोक पातीं

तुम अपनी बीवी के आंसू पोछ पाते, पर मैं नहीं पोछ पाता

तुम उसे गले लगाते, पर मैं नहीं लगा पाता

क्योंकि मैं अपने सीने पर मेडल्स लिए ताबूत में लेटा हुआ होता, तिरंगे में लिपटा हुआ

मैं शहीद हो चुका होता और तुम जी रहे होते

हम दोनों ने 18 की उम्र में घर छोड़ा।

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