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निर्भया केस: राष्ट्रपति ने खारिज की दोषी मुकेश की दया याचिका

निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के दोषी मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी थी।...

निर्भया केस: राष्ट्रपति ने खारिज की दोषी मुकेश की दया याचिका
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 17 Jan 2020 02:40 PM
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निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के दोषी मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी थी। निर्भया मामले में चार दोषियों को मौत की सजा सुनायी गयी है। उन चारों अभियुक्तों में से एक मुकेश सिंह ने कुछ दिन पहले दया याचिका दायर की थी।

गृह मंत्रालय ने मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजते हुए उसे अस्वीकार करने की दिल्ली के उप राज्यपाल की सिफारिश दोहराई थी। दिल्ली के उप राज्यपाल ने बृहस्पतिवार को मुकेश सिंह की दया याचिका गृह मंत्रालय को भेजी थी। इसके एक दिन पहले दिल्ली सरकार ने याचिका अस्वीकार करने की सिफारिश की थी।

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दिल्ली की एक अदालत ने चारों दोषियों.. मुकेश सिंह (32), विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को सुनाई गई मौत की सजा पर अमल का आदेश ''डेथ वॉरंट सात जनवरी को जारी किया था। उन्हें 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी होनी है। हालांकि दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं हो पाएगी क्योंकि मुकेश सिंह ने दया याचिका दायर की है।

अक्षय ने पेन और कागज मांगा
सूत्रों ने बताया कि गुरुवार सुबह करीब नौ बजे अक्षय ने जेल के एक अधिकारी से कहा कि उसे पेन और कागज चाहिए। उसे कुछ लिखना है। इस पर जेल अधिकारी ने कहा कि यदि वह मौखिक बता दे तो वे किसी वार्डन से लिखवा देंगे। लेकिन, अक्षय ने कहा कि उसे खुद ही लिखना है। इसके बाद अक्षय को कागज और पेन दिए गए। हालांकि उसने क्या लिखा, इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी। जेल सूत्रों ने बताया कि उसके साथ अलग-अलग सेल में बंद मुकेश और पवन कंबल ओढ़कर बैठे हुए थे। उनकी कोई खास गतिविधि नहीं रही। ठंड बढ़ने पर उन्होंने एक और कंबल की मांग की।

एडीजी ने कहा- फांसी टालने के लिए नहीं लिखा खत
जेल प्रशासन द्वारा दिल्ली सरकार को फांसी टालने संबंधी पत्र लिखे जाने की खबरों को तिहाड़ जेल के एडीजी राजकुमार ने अफवाह बताया है। उनका कहना है कि जेल प्रशासन की तरफ से इस तरह का कोई पत्र नहीं लिखा गया है। उन्होंने कहा कि दया याचिका राष्ट्रपति के पास है और उसके बाद अदालत को निर्णय लेना है।

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