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राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को झटका दे सकती है भाजपा, मध्य प्रदेश व गुजरात का अंकगणित बदला

इस महीने की 19 तारीख को होने वाले राज्यसभा 10 राज्यों की 24 सीटों के लिए होने वाले चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच लगभग पांच राज्यों में कड़ा मुकाबला हो सकता है। बीते कुछ महीनों से अपने...

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को झटका दे सकती है भाजपा, मध्य प्रदेश व गुजरात का अंकगणित बदला
रामनारायण श्रीवास्तव,नई दिल्लीSat, 06 Jun 2020 05:20 AM
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इस महीने की 19 तारीख को होने वाले राज्यसभा 10 राज्यों की 24 सीटों के लिए होने वाले चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच लगभग पांच राज्यों में कड़ा मुकाबला हो सकता है। बीते कुछ महीनों से अपने अंतर्विरोधों से जूझ रही कांग्रेस के विधायकों के लगातार साथ छोड़ने से कई राज्यों में उसकी स्थिति गड़बड़ा गई है। दोनों दलों में सबसे रोचक मुकाबला गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, झारखंड व राजस्थान में होगा। 

कोरोना संकट के चलते 26 मार्च को होने वाले सात राज्यों की 18 सीटों के चुनाव को स्थगित कर दिया था। अब चुनाव आयोग ने 19 जून की तारीख तय की है। इसके साथ ही कर्नाटक की चार और मिजोरम व अरुणाचल प्रदेश की एक-एक सीट के लिए भी राज्यसभा चुनाव इसी दिन कराने का फैसला किया गया है। इन राज्यों की 6 सीटों के लिए उनके सांसदों का कार्यकाल जून-जुलाई महीने में समाप्त हो रहा था। इसके पहले मार्च में होने वाले चुनाव में 37 राजसभा सांसदों को निर्विरोध चुन लिया गया था। हालांकि उनका शपथ ग्रहण होना अभी बाकी है।

मध्य प्रदेश व गुजरात में कांग्रेस को नुकसान
बीते चार महीनों में तेजी से चली राजनीतिक उठापटक में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को हुआ है। मध्यप्रदेश में उसकी सरकार चली गई है और गुजरात में उसके आठ विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इससे दोनों राज्यों में उसके सामने उसके एक-एक उम्मीदवार के चुनाव हारने का खतरा पैदा हो गया है। जबकि भाजपा दोनों राज्यों में एक-एक सीट ज्यादा जीत रही है।

चुनाव की घोषणा व चुनाव की तारीख के बीच बदले समीकरण
मध्य प्रदेश की तीन सीटों के लिए चार उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें दो कांग्रेस और दो भाजपा से हैं। कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार तय किए थे तब उसकी राज्य में सरकार थी, लेकिन 20 विधायकों के इस्तीफे के बाद उसकी सरकार चली गई और अब भाजपा के सत्ता में आने के बाद विधानसभा का गणित ही बदल गया है। ऐसे में कांग्रेस का एक ही उम्मीदवार चुनाव जीत सकता है। कांग्रेस ने राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को अपना पहला उम्मीदवार बनाया है इसलिए उनकी जीत लगभग तय है, जबकि दूसरे उम्मीदवार फूल सिंह बरैया का रास्ता बेहद मुश्किल हो गया है। दूसरी तरफ भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया उसके पहले उम्मीदवार हैं और उनका एवं भाजपा के दूसरे सुमेर सिंह की जीत भी नए समीकरणों में तय मानी जा रही है।

गुजरात में भाजपा ने लगाई सेंध
मध्य प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा बदलाव गुजरात की राजनीति में आए हैं। वहां पर राज्यसभा चुनाव घोषित होने के बाद कांग्रेस के आठ विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इससे कांग्रेस की दो तय मानी जा रही सीटों में से अब एक ही उसके पास आ सकती है, जबकि भाजपा की सीटों की संख्या दो से बढ़कर तीन हो सकती है। कांग्रेस के दूसरे नंबर के उम्मीदवार भरत सिंह सोलंकी के लिए खतरा पैदा हो गया है।

कर्नाटक फिर उलझ सकता है
चुनाव आयोग ने कर्नाटक की चार सीटों के लिए भी चुनाव की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी घोषित कर दिया है। राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद उसकी दो सीटें तय है। अगर भाजपा तीसरा उम्मीदवार खड़ा करती है तब दिक्कतें बढ़ेंगी। जद (एस) से पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के चुनाव लड़ने की संभावना है। अगर कांग्रेस और जद (एस) में कोई विधायक नहीं टूटा, तो कांग्रेस अपने एक उम्मीदवार को जिताने के बाद बचे हुए वोटों से जद (एस) का रास्ता आसान कर सकती है, लेकिन भाजपा की रणनीति वहां पर तीन उम्मीदवार खड़े करने की है।

झारखंड में भाजपा व कांग्रेस में लड़ाई
झारखंड की दो सीटों के लिए भी लड़ाई कठिन हो गई है। सत्तारूढ़ जेएमएम के शिबू सोरेन की जीत पक्की मानी जा रहा है, लेकिन कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला कड़ा होगा। भाजपा जोड़-तोड़ कर यहां से अपने प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को जिताना चाहती है, जबकि कांग्रेस का दारोमदार सत्तारूढ़ गठबंधन पर टिका हुआ है।

राजस्थान पर नजर
राजस्थान में भी चुनाव रोचक हो गया है। वहां की तीन सीटों के लिए भाजपा और कांग्रेस से दो-दो उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस से वेणुगोपाल और नीरज डांगी चुनाव मैदान में हैं, जबकि भाजपा से राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत। कांग्रेस ने वेणुगोपाल को अपना पहला उम्मीदवार बनाया है। हालांकि भाजपा वहां पर भी कांग्रेस में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। हालांकि अभी कांग्रेस अपने दोनों उम्मीदवारों को जिताने की स्थिति में है। अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी का पलड़ा भारी है। वहीं मणिपुर में भाजपा और मेघालय में सत्तारूढ़ एमडीए गठबंधन जीत सकता है। मिजोरम में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट और अरुणाचल में भाजपा की जीत तय मानी जा रही है।

कहां कितनी सीटें
गुजरात-4, आंध्र प्रदेश- 4, कर्नाटक-4, मध्य प्रदेश-3, राजस्थान -3, झारखंड- दो, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम व अरुणाचल प्रदेश सभी में एक-एक सीट।

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