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देश को दिलाया भरोसा, चीन को कोसा... 10 पॉइंट्स में जानें राजनाथ ने राज्यसभा में चीन मुद्दे पर क्या-क्या कहा

लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में चीन की सेना के साथ गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत शांतिपूर्ण तरीके से सीमा मुद्दे के हल के लिए प्रतिबद्ध है और हमने राजनयिक माध्यम से...

देश को दिलाया भरोसा, चीन को कोसा... 10 पॉइंट्स में जानें राजनाथ ने राज्यसभा में चीन मुद्दे पर क्या-क्या कहा
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीThu, 17 Sep 2020 01:37 PM
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लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में चीन की सेना के साथ गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत शांतिपूर्ण तरीके से सीमा मुद्दे के हल के लिए प्रतिबद्ध है और हमने राजनयिक माध्यम से पड़ोसी देश को बता दिया है कि यथास्थिति में एकतरफा ढंग से बदलाव का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य होगा। राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर राज्यसभा में दिए अपने बयान में कहा कि हम पूर्वी लद्दाख में चुनौती का सामना कर रहे हैं, हम मुद्दे का शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं और हमारे सशस्त्र बल देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए डटकर खड़े हैं। रक्षा मंत्री ने राज्यसभा में चीन को जमकर कोसते हुए कहा कि चीन से सीमा का प्रश्न अब तक अनसुलझा है, अगर एलएसी पर तनाव रहा तो रिश्ते मधुर नहीं सकते। पढ़ें, राज्यसभा में राजनाथ सिंह के बयान की 10 खास बातें:

1- चीन लद्दाख में भारत की लगभग 38,000 स्क्वायर किलोमीटर जमीन का अनधिकृत कब्जा किए हुए है। इसके अलावा, 1963 में एक तथाकथित बाउंड्री एग्रीमेंट के तहत, पाकिस्तान ने पीओके की 5180 स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन अवैध रूप से चीन को सौंप दी है।

2- सदन इस बात से अवगत है कि भारत और चीन सीमा का प्रश्न अभी तक अनसुलझा है। भारत और चीन की बाउंड्री का कस्टमरी और ट्रेडिशनल अलाइनमेंट चीन नहीं मानता है। यह सीमा रेखा अच्छे से स्थापित भौगोलिक सिद्धांतों पर आधारित है।

3- अभी तक भारत-चीन के सीमावर्ती इलाकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) नहीं है और एलएसी को लेकर दोनों का समझ अलग-अलग है। इसलिए शांति बहाल रखने के लिए दोनों देशों के बीच कई तरह के समझौते और प्रोटोकॉल्स हैं।

4- 1993 और 1996 के समझौते में इस बात का जिक्र है कि LAC के पास दोनों देश अपनी सेनाओं की संख्या कम से कम रखेंगे। समझौते में यह भी है कि जब तक  सीमा मुद्दे का पूरी तरह से समाधान नहीं होता है, तब तक LAC को माना जाएगा।

 

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5- सरकार की विभिन्न खुफिया एजेंसियां के बीच कोर्डिनेशन का एक विस्तृत और टाइम टेस्टेड मैकेनिस्म है जिसमें केंद्रीय पुलिस बल और तीनों सेनाओं की खुफिया एजेंसियां शामिल हैं।

6- चीन मानता है कि बाउंड्री अभी भी औपचारिक तरीके से निर्धारित नहीं है। उसका मानना है कि हिस्टोरिक्ल ज्यूरिस्डिक्शन के आधार पर जो ट्रेडिश्नल कस्टमरी लाइन है उसके बारे में दोनों देशों की अलग व्याख्या है। 1950-60 के दशक में इस पर बातचीत हो रही थी पर कोई समाधान नहीं निकला।

7- सदन को जानकारी है कि पिछले कई दशकों में चीन ने बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर एक्टिविटी शुरू की है, जिससे बॉर्डर एरिया में उनकी तैनाती की क्षमता बढ़ी है। इसके जबाव में हमारी सरकार ने भी बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास का बजट बढ़ाया है, जो पहले से लगभग दोगुना हुआ है।

8- यह सच है कि हम लद्दाख में एक चुनौती के दौर से गुजर रहे हैं लेकिन साथ ही मुझे भरोसा है कि हमारा देश और हमारे वीर जवान इस चुनौती पर खरे उतरेंगे। मैं इस सदन से अनुरोध करता हूं कि हम एक ध्वनि से अपनी सेनाओं की बहादुरी और उनके अदम्य साहस के प्रति सम्मान दिखाएं।

9- इस सदन से दिया गया, एकता व पूर्ण विश्वास का संदेश, पूरे देश और पूरे विश्व में गूंजेगा, और हमारे जवान, जो कि चीनी सेनाओं से आंख से आंख मिलाकर अडिग खड़े हैं, उनमें एक नए मनोबल, ऊर्जा व उत्साह का संचार होगा।

10- मैं देशवासियों को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमारे जवानों का जोश एवं हौसला बुलंद है, और हमारे जवान किसी भी संकट का सामना करने के लिए तैयार हैं।

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