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LAC लद्दाख तनाव: भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प, PM मोदी को राजनाथ ने दी पूरी जानकारी

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच चल रही झड़प के बारे में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी है। उन्हें मौजूदा...

Rakesh Kumar लाइव हिंदुस्तान टीम, नई दिल्लीTue, 16 June 2020 10:01 PM
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LAC लद्दाख तनाव: भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प, PM मोदी को राजनाथ ने दी पूरी जानकारी

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच चल रही झड़प के बारे में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी है। उन्हें मौजूदा हालात की पूरी जानकारी दी गई है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और चीन सीमा पर पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में दोनों सेनाओं के जवानों के बीच हिंसक झड़प के कारण उत्पन्न स्थिति पर शीर्ष सैन्य नेतृत्व के साथ लगातार दो बैठकों में चर्चा की।

सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की मौजूदगी में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ लगभग एक घंटे चली बैठक में घटना की विस्तार से जानकारी ली और स्थिति की समीक्षा की। बैठक में मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए रणनीति और आगे उठाए जाने वाले कदमों पर भी विचार विमर्श किया गया। बाद में सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को भी घटना की विस्तार से जानकारी दी और मौजूदा स्थिति पर उनके साथ भी चर्चा की। रक्षा मंत्री ने इसके बाद शाम को एक बार फिर अपने निवास पर सेना के शीर्ष नेतृत्व को बैठक के लिए बुलाया। जनरल रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे तथा अन्य अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया।

भारतीय सेना के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार (15 जून) को चीन के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हो गए। पिछले 45 वर्षों में भारत-चीन सीमा पर इस तरह की पहली घटना है जो व्यापक तनाव को दर्शाता है। सेना ने यह भी कहा कि हिंसक झड़प के दौरान दोनों तरफ के सैनिक मारे गए हैं। बहरहाल, चीनी पक्ष की तरफ से मरने वालों के बारे में बीजिंग ने फिलहाल पुष्टि नहीं की है।

चीन ने भारत पर लगाया सीमा लांघने का आरोप
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिनजियान ने सीमा पर भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर के बारे में पूछे जाने पर बीजिंग में कहा, ''आप जो सूचना दे रहे हैं उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है।" झाओ ने कहा, ''हमारे सैनिकों की उच्चस्तरीय बैठक हुई थी और सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने के बारे में महत्वपूर्ण सहमति बनी थी, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से 15 जून को भारतीय सैनिकों ने हमारी सहमति का गंभीर रूप से उल्लंघन किया और अवैध गतिविधियों के लिए दो बार सीमा रेखा लांघी और चीन के कर्मियों को उकसाया एवं उन पर हमले किए जिससे दोनों पक्षों के बीच गंभीर रूप से मारपीट हुई। चीन ने भारतीय पक्ष से कड़ा विरोध दर्ज कराया है।"

प्रवक्ता ने कहा, ''हम एक बार फिर भारतीय पक्ष से कहते हैं कि सहमति का पालन करें, अग्रिम मोर्चे के अपने सैनिकों पर कड़ाई से नियंत्रण करें और रेखा नहीं लांघें, समस्या पैदा नहीं करें या एकतरफा कदम नहीं उठाएं जिससे मामला जटिल बन जाए।" झाओ ने कहा कि दोनों पक्ष वार्ता और विचार-विमर्श के माध्यम से मुद्दे के समाधान, स्थिति को सामान्य बनाने के प्रयास पर सहमत हुए और सीमावर्ती क्षेत्र मे शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने पर रजामंदी दी।

1975 के बाद पहली बार PLA के साथ झड़प में भारतीय सैनिक की मौत
नई दिल्ली में सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 1975 के बाद पहली बार चीन की सेना के साथ हिंसक झड़प में किसी भारतीय सैनिक की मौत हुई है। 1975 में अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में दोनों देशों के बीच अस्थाई सीमा के पास घात लगाकर किए गए हमले में चार भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी नहीं हुई।

पूर्वी लद्दाख के इलाकों में चल रहा है विवाद
भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में गतिरोध चल रहा है। काफी संख्या में चीनी सैनिक अस्थायी सीमा के अंदर भारतीय क्षेत्र में पैंगोंग सो सहित कई स्थानों पर घुस आए हैं। भारतीय सेना ने घुसपैठ पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए उनकी तुरंत वापसी की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ दिनों में कई वार्ताएं हुई हैं।

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