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जानिए पायलट के साथ दिल्ली जा चुके 4 विधायकों की कैसे गहलोत ने कराई वापसी और बचा लिया किला

राजस्थान के राजनीतिक संकट में अब तक जो घटा है उसमें अशोक गहलोत ने एक बार फिर अपनी जादूगिरी दिखाई है। वह एक तरफ अपना समर्थन बचाए रख सके हैं तो दूसरी तरफ सचिन पायलट से उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष...

जानिए पायलट के साथ दिल्ली जा चुके 4 विधायकों की कैसे गहलोत ने कराई वापसी और बचा लिया किला
औरंगजेब नक्शबंदी,नई दिल्लीWed, 15 Jul 2020 09:22 AM
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राजस्थान के राजनीतिक संकट में अब तक जो घटा है उसमें अशोक गहलोत ने एक बार फिर अपनी जादूगिरी दिखाई है। वह एक तरफ अपना समर्थन बचाए रख सके हैं तो दूसरी तरफ सचिन पायलट से उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष पद छीनने में कामयाब रहे हैं। अशोक गहलोत की इस सफलता के पीछे तीन बार के पूर्व विधायक और गहलोत के पुराने साथी प्रद्युम्न सिंह का भी हाथ है। वह सचिन पायलट कैंप से 4 बागी विधायकों को वापस खींचने में कामयाब रहे।

सिंह के बेटे विधायक रोहित बोहरा भी उनमें से एक थे। वह शुक्रवार को कांग्रेस के तीन अन्य विधायकों दानिश अबरार, प्रशांत बैरवा और छेतन दूदी के साथ दिल्ली पहुंचे। ये सभी पायलट के विश्वासपात्र माने जाते हैं। शनिवार को गहलोत ने बोहरा से फोन पर बात की और फिर बोहरा ने तीन अन्य विधायकों को वापसी के लिए मनाया।

राजस्थान कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि गहलोत चारों विधायकों को यह समझाने में कामयाब रहे कि पायलट के साथ उनका कोई भविष्य नहीं है। गहलोत ने उनकी सारी शिकायतों को दूर करने और अहम जिम्मेदारी देने का वादा किया।  

इस फोन कॉल के बाद चारों विधायक दिल्ली से निकल पड़े और रविवार सुबह 4 बजे जयपुर पहुंच गए। यहां इनकी गहलोत के साथ फिर बैठक हुई। इस दौरान गहलोत के निवास पर मौजूद एक पदाधिकारी ने बताया कि उनमें से एक विधायक ने गहलोत से माफी मांगी। 

पदाधिकारी ने बताया, ''विधायकों के लौटने से गहलोत पायलट कैंप को तोड़ने में कामयाब रहे और दिल्ली में पार्टी नेताओं को यह संदेश देने में कामयाब रहे कि अन्य बागी विधायक भी उनके पास लौट आएंगे।'' चारों ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि वे गहलोत के साथ हैं। अबरार ने कहा, ''हम पीढ़ियों से कांग्रेस के सिपाही हैं और पार्टी के साथ हैं।'' उनके लौटने से गहलोत कैंप का उत्साह बढ़ा। 

पहले पदाधिकारी के मुताबिक, गहलोत ने सभी विधायकों से खुद बात की और उन्हें भरोसा दिया कि उनका ध्यान रखा जाएगा। एक बार जब मुख्यमंत्री को यह विश्वास हो गया कि बहुमत उनके साथ है, उन्होंने सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई। सहयोगी दलों के विधायकों को भी बैठक में आमंत्रित किया गया। 

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से पायलट को वापस बुलाने की अपील के बीच कांग्रेस विधायक दल ने सोमवार को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए प्रस्ताव पारित किया। इसके बाद पर्यवेक्षक बनाकर जयपुर भेजे गए पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पायलट और उनके दो समर्थक मंत्रियों को पद से हटाए जानने की घोषणा की।

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